
द्वारका अपार्टमेंट भीषण आग: पिता और दो जुड़वां बच्चों की बालकनी से कूदकर मौत!
द्वारका के शब्द अपार्टमेंट में आग से कोहराम, निवासियों ने दमकल की देरी पर उठाए सवाल!
दिल्ली, 10 जून। द्वारका सेक्टर-13 स्थित शब्द अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल पर आज सुबह भीषण आग लगने से एक परिवार त्रासदी में फँस गया। आग से बचने के लिए 35 वर्षीय यश यादव और उनके दोनों 10 वर्षीय जुड़वां बच्चे (एक लड़का और एक लड़की) ने बालकनी से छलांग लगा दी, जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई। दिल्ली पुलिस ने पुष्टि की कि तीनों शवों को आकाश अस्पताल और आईजीआई अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उन्हें मृत घोषित किया गया।
घटनाक्रम: आग कैसे बनी तबाही की वजह
आग का प्रकोप: सुबह 10:01 बजे दिल्ली फायर सर्विसेज (DFS) को सूचना मिली। आग अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 191 में लगी, जो एमआरवी स्कूल के पास स्थित है। लपटें तेजी से पूरी मंजिल में फैल गईं, जिससे धुआँ आसपास के इलाकों में दिखाई देने लगा।
राहत अभियान: DFS ने तुरंत 8 दमकल गाड़ियाँ, स्काई लिफ्ट और 40 कर्मी तैनात किए। आग पर काबू पाने में दो घंटे लगे। बिजली और गैस सप्लाई बंद कर दी गई, जबकि फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
छलांग की वजह: गवाहों के अनुसार, यश यादव और बच्चे करीब 20 मिनट तक धुएँ से घुटते रहे। जब बचाव दल ऊपरी मंजिल तक नहीं पहुँच सका, तो उन्होंने जान बचाने के लिए छलांग लगा दी।
लापरवाही के आरोप: निवासियों का आक्रोश!
स्थानीय लोगों ने अपार्टमेंट प्रबंधन समिति और दमकल विभाग पर देरी से प्रतिक्रिया देने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि आग लगने की सूचना के 30 मिनट बाद तक गाड़ियाँ नहीं पहुँचीं। इससे ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ हुई, जिससे बचाव कार्य प्रभावित हुआ। हालाँकि, DFS निदेशक अतुल गर्ग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी टीम ने “समय पर कार्रवाई” की।
पीड़ित परिवार: जीवित बचे सदस्य
यश यादव फ्लेक्स बोर्ड का व्यवसाय करते थे और परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे। उनकी पत्नी और 12 वर्षीय बेटा आग से बच गए, लेकिन दोनों साँस की तकलीफ और जलन के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं। परिवार की देखभाल के लिए दिल्ली पुलिस ने अस्पतालों में विशेष टीमें तैनात की हैं।
दिल्ली में बढ़ती गर्मी और विद्युत् घटनाएँ आग के खतरे को बढ़ा रही हैं। इस घटना ने उच्च इमारतों में अग्नि सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू की है, जबकि सरकार ने पीड़ित परिवार को मुआवजे का आश्वासन दिया है।