
नाम नरेंदर, काम सरेंडर’: पवन खेड़ा ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर उठाए गंभीर सवाल!
अपने ट्वीट के अंत में खेड़ा ने मोदी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए लिखा—इसलिए कहते हैं— ‘नाम नरेंदर, काम सरेंडर’।
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति को लेकर तीखा ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार में “देश की नीतियां ट्रोल्स चला रहे हैं और विदेश नीति एक ऐसा व्यक्ति संभाल रहा है, जो सरेंडर करके बैठा है।” उन्होंने चीन द्वारा बांग्लादेश के एयरबेस को अपग्रेड करने और कुवैत द्वारा पाकिस्तान के साथ श्रमिक समझौता करने को मोदी सरकार की “सरेंडर नीति” बताया।
चीन का बांग्लादेश में बढ़ता प्रभाव, भारत के लिए चिंता!
खेड़ा ने कहा कि भारत की सीमा से महज 12 किलोमीटर दूर बांग्लादेश के एक पुराने एयरबेस को चीन अपग्रेड कर रहा है, जो भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने सवाल उठाया कि “नरेंद्र मोदी की ऐसी विदेश नीति है कि संकट की घड़ी में एक भी देश भारत के साथ नहीं खड़ा था।”
कुवैत का पाकिस्तान के साथ MoU, भारतीय श्रमिकों के हितों पर प्रहार!
खेड़ा ने आगे बताया कि “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद कुवैत ने पाकिस्तान पर से वीजा प्रतिबंध हटा दिया और अब दोनों देशों के बीच श्रमिक समझौता हो रहा है। उन्होंने कहा कि “कुवैत में 21% भारतीय आबादी और 30% भारतीय श्रमिक हैं, लेकिन मोदी सरकार की नीतियों के कारण पाकिस्तान को फायदा हो रहा है।” उन्होंने इसे “नरेंद्र मोदी की सरेंडर नीति” करार दिया।
बहादुर सेना, लेकिन प्रधानमंत्री घुटनों पर!
कांग्रेस नेता ने सेना के साहस की सराहना करते हुए कहा कि “सारा विपक्ष सेना के साथ खड़ा था, लेकिन प्रधानमंत्री अमेरिका के दबाव में घुटनों पर आ गए।” उन्होंने मोदी सरकार पर “ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोकने” का आरोप लगाया और पूछा कि “किसके दबाव में यह फैसला लिया गया?”।
नाम नरेंदर, काम सरेंडर!
अपने ट्वीट के अंत में खेड़ा ने मोदी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए लिखा—इसलिए कहते हैं— ‘नाम नरेंदर, काम सरेंडर’।
चीन बांग्लादेश में बना रहा एयरबेस, कुवैत ने पाकिस्तान से किया समझौता; पवन खेड़ा बोले— ‘मोदी सरकार की सरेंडर नीति’।
ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कुवैत ने पाकिस्तान पर हटाए वीजा प्रतिबंध, कांग्रेस ने कहा— नरेंद्र मोदी की विदेश नीति विफल!
यह खबर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के हालिया बयानों और ट्वीट्स पर आधारित है, जिसमें मोदी सरकार की विदेश नीति और सुरक्षा रणनीति पर सवाल उठाए गए हैं।