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वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ देशव्यापी ‘ब्लैक आउट’: 9 से 9:15 बजे तक लाइट बंद कर जताया विरोध!

कैराना से कलकत्ता तक अंधेरा – मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर जनता ने दिखाई एकजुटता!

वक्फ संपत्ति बिल के विरोध में राष्ट्रव्यापी प्रतीकात्मक प्रदर्शन: 15 मिनट के ‘ब्लैक आउट’ से सरकार को भेजा स्पष्ट संदेश!

 

नई दिल्ली/कैराना। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के आह्वान पर मंगलवार रात पूरे देश में वक्फ संशोधन बिल ( Waqf Amendment Bill) के खिलाफ अभूतपूर्व प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन हुआ। रात 9:00 बजे से 9:15 बजे तक चले 15 मिनट के ‘ब्लैक आउट’ या ‘बत्ती गुल’ अभियान के दौरान लाखों लोगों ने अपने घरों, दुकानों और सार्वजनिक स्थलों की लाइटें बंद कर सरकार के फैसले के प्रति असहमति जताई। इस दौरान देश के कई इलाके अचानक अंधेरे में डूब गए, मानो समूचा राष्ट्र एकसाथ सरकार को चेतावनी दे रहा हो।

कैराना में भी दिखा जनआक्रोश!

उत्तर प्रदेश के कैराना शहर में यह नज़ारा सबसे प्रभावशाली रहा। यहाँ 9:00 बजते ही पूरे शहर ने बत्तियाँ बुझा दीं, जिससे पूरा क्षेत्र गहरी खामोशी और विरोध के संकेत में तब्दील हो गया। स्थानीय नागरिकों, दुकानदारों और धार्मिक प्रतिष्ठानों ने एकस्वर में इस अभियान का समर्थन किया। कैराना में विरोध कर रहे नागरिकों ने बताया कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में समुदाय के अधिकारों को कमजोर करता है। हमारी आवाज़ सुननी चाहिए।

शांतिपूर्ण मगर मजबूत संदेश!

प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित रहा। दिल्ली, हैदराबाद, लखनऊ, कोलकाता और मुंबई सहित कई शहरों में लोगों ने मोमबत्तियाँ जलाकर या सोशल मीडिया पर हैशटैग (#SaveWaqfProperties) के जरिए अपना रोष व्यक्त किया। पुलिस ने स्थिति पर नजर बनाए रखी, लेकिन कहीं भी अशांति नहीं हुई।

केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण को लेकर नए प्रावधान शामिल हैं। मुस्लिम समुदाय का आरोप है कि इससे धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता खत्म हो जाएगी और सरकारी हस्तक्षेप बढ़ेगा। AIMPLB के प्रवक्ता ने कहा कि यह बिल संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। हम संवाद के लिए तैयार हैं, लेकिन जनभावनाओं को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

बुद्धिजीवियों और नेताओं की प्रतिक्रिया!

स्थानीय समाजसेवियों  ने कहा कि यह प्रदर्शन सिर्फ़ बत्ती बंद करने तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को बचाने की लड़ाई है। कई राजनीतिक दलों ने भी सरकार से बिल पर पुनर्विचार की अपील की है।

सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह प्रदर्शन साबित करता है कि वक्फ मुद्दे पर समुदाय की आशंकाओं को गंभीरता से लेना होगा। आने वाले दिनों में AIMPLB की ओर से और आंदोलनों की योजना बनाई जा रही है।

वक्फ संपत्तियों के मुद्दे पर सरकार और समुदाय के बीच तनाव बढ़ा है। शांतिपूर्ण विरोध ने साबित किया कि लोकतंत्र में असहमति की आवाज़ भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

 

 

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