IMG-20250308-WA0065

 

नेपाल के PM ने कभी नहीं कहा कि उसका विदेशों में डंका बज रहा है या वो नेपाल को विश्वगुरू बनाएगा। लेकिन अमेरिका ने नेपाली लोगों को इज्जत के साथ चार्टर प्लेन से नेपाल भेजा है। हाथ-पैर बांध कर, मिलिट्री प्लेन में ठूस कर नहीं।

और जो मोदी विश्वगुरू बनने चले थे, जिनका विदेशों में डंका बज रहा था, उनके देश के लोगों को अमेरिका ने भेड़-बकरियों की तरह हथकड़ियों और बेड़ियों में बांधकर उनके देश भेजा। वो भी मिलिट्री के माल ढोने वाले जहाज से।

यही फर्क है सच और पाखंड में…..यही फर्क है असलियत और प्रोपेगेंडा में। अगर हमने असलियत नहीं समझा तो मोदी जैसे डरपोक, पाखंडी और निकम्मे लोग देश की मिट्टी पलीद कर देंगे। इनको देश और देश की इज्जत से कोई मतलब नहीं है।

अमेरिका ने जानबूझकर भारत और भारत के लोगों को बार-बार अपमानित किया, मगर मोदी ने एक बार भी जवाब नहीं दिया

पहले ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण में मोदी को न्यौता नहीं दिया। इसकी बजाय उसने खालिस्तानी आतंकी पन्नू को न्यौता देकर भारत को अपमानित करने का प्रयास किया। मगर मोदी ने ट्रंप को जवाब नहीं दिया।

ट्रंप ने भारत को चेताते हुए कहा कि अगर डॉलर की जगह दूसरी करेंसी में व्यापार करोगे तो ठीक नहीं होगा। ट्रंप की इस तानाशाही का विरोध करने की जगह मोदी का मुंह बंद रहा।

आपको जानकर अचरज होगा कि ट्रंप ने ये टैरिफ चीन, मैक्सिकों, कनाडा या किसी और देश पर नहीं लगाया, उसने सिर्फ भारत पर ये टैरिफ लगाया। मोदी ने अमेरिका की इस तानाशाही पर भी चुप रहे।

अमेरिका में दुनिया के अलग-अलग देशों के लोग रहते हैं। मगर ट्रंप ने सबसे पहले भारत के लोगों को जलील करके, प्रताड़ित और अपमानित करते हुए भारत भेजना शुरू किया। इस पर भी मोदी ने विरोध करने की जगह मुंह में दही जमाए रखा।

मोदी जब वर्किंग वीजा लेकर अमेरिका पहुंचे तो ट्रंप ने औपचारिकता भी नहीं निभाया। ट्रंप को चाहिए था कि दरवाजे तक आकर मोदी को रिसीव करे, मगर ट्रंप ने अपने एक छोटे कर्मचारी को रिसीव करने भेज दिया। भारत के इस अपमान पर भी मोदी चुप रहे।

अमेरिका में मोदी की मौजूदगी में ही ट्रंप ने भारत के सैकड़ों प्रवासियों को फिर से अपमानित करके भारत भेजने के लिए जहाज में लाद दिया। इस अपमान पर भी मोदी चुप रहे।

इसके अलावा अमेरिका ने मोदी से मिलने से कुछ मिनट पहले ही भारत पर मनमाना ट्रेड टैरिफ (रेसीप्रोकल टैरिफ) लाद दिया। मोदी कई मुद्दों पर ट्रंप से बात करना चाहते थे, मगर सबसे बीच ट्रंप ने ये कह दिया कि भारत से व्यापार करने लायक नहीं है। इस पर भी मोदी चुप रहे।

मोदी के साथ ट्रंप को बैठना चाहिए था, मगर ट्रंप ने मोलभाव करने के लिए मोदी के साथ एलन मस्क को बैठा दिया। मोदी सख्त तेवर अपनाने की जगह अमेरिका के सड़े हुए जहाज F35 को लेने के लिए तैयार हो गया। अमेरिका से महंगे तेल-गैस खरीदने पर भी तैयार हो गया।

ये है विश्वगुरू मोदी की 56 इंच की छाती का कमाल…..जो हर रोज दुनिया में भारत की बेइज्जती कराते फिर रहे हैं। इसके बाद भी अंधभक्त कहते हैं कि पूरी दुनिया में पापा का डंका बज रहा है।

भारत की इतनी कमजोर स्थिति दुनिया ने पहले कभी नहीं देखी थी। अगर मोदी के अलावा भारत का कोई और प्रधानमंत्री होता तो पलट कर ट्रंप को जवाब देता। जब कोलंबिया और यूक्रेन जैसे देश अपना स्वाभिमान दिखा सकते हैं, तो भारत क्यों नहीं ?

आज देश पूछ रहा है कि आखिर मोदी भारत की इतनी बेइज्जती क्यों करा रहे हैं ?

ऐसी कौन सी मजबूरी है, जिसकी वजह से मोदी अमेरिका की मनमानी का जवाब नहीं दे पा रहे हैं ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!