नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2025: इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अधीन भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In) ने शुक्रवार 12 दिसंबर को विदेश मंत्रालय के सहयोग से यूरोप, अमेरिका और मध्य एशिया से आए पत्रकारों के लिए साइबर सुरक्षा पर एक विशेष परिचय यात्रा और संवाद सत्र का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की तेजी से विकसित होती साइबर सुरक्षा व्यवस्था, वैश्विक सहयोग मॉडल और नवाचार आधारित समाधानों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराना था।

कार्यक्रम में CERT-In के महानिदेशक डॉ. संजय बहल ने भारत की साइबर सुरक्षा प्रणाली के विभिन्न पहलुओं — त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र, अलर्ट प्रणाली, खतरा पहचान एवं एआई आधारित सुरक्षा समाधानों — की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत आज वैश्विक साइबर सुरक्षा केंद्र के रूप में उभर रहा है, जहाँ 400 से अधिक स्टार्टअप और 6.5 लाख से ज्यादा साइबर सुरक्षा पेशेवर सक्रिय हैं।
डॉ. बहल ने कहा कि भारत न केवल अपनी डिजिटल सुरक्षा क्षमता को मजबूत कर रहा है, बल्कि अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाकर एक सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “डिजिटल इंडिया” मिशन के तहत सरकार साइबर सुरक्षित तकनीकों, प्रशिक्षण, और नवाचार को प्राथमिकता दे रही है ताकि हर नागरिक सुरक्षित डिजिटल वातावरण में काम कर सके।
यह आयोजन भारत की डिजिटल डिप्लोमेसी (Digital Diplomacy) के बढ़ते प्रभाव को भी रेखांकित करता है, जिसके माध्यम से देश एक विश्वसनीय और तकनीकी रूप से सशक्त भागीदार के रूप में अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है।