Rajeev-Krishna

 

सहारनपुर। लखनऊ में आयोजित इकॉनोमिक टाइम्स के EDNXT‑Lucknow कॉन्क्लेव में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) श्री राजीव कृष्ण ने युवाओं से वर्दीधारी सेवाओं, खासकर पुलिस और सार्वजनिक सेवा, को गंभीरता से करियर विकल्प के रूप में अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुलिस केवल नौकरी नहीं, बल्कि राष्ट्र‑सेवा, सम्मान, साहस और करुणा से भरा ऐसा मार्ग है, जो ऊर्जावान और प्रतिभाशाली युवाओं को नेतृत्व और समाज‑निर्माण का अनूठा मौका देता है।

कॉन्क्लेव में DGP का संबोधन

EDNXT‑Lucknow कॉन्क्लेव का आयोजन 11 दिसंबर 2025 को राजधानी लखनऊ में किया गया, जिसमें शिक्षा, कौशल विकास और सार्वजनिक सेवा को जोड़ते हुए भावी करियर संभावनाओं पर चर्चा हुई। इसी मंच पर DGP राजीव कृष्ण ने “पुलिस एवं सार्वजनिक सेवा में करियर के अवसर” विषय पर अपने विचार रखते हुए युवाओं को देश‑सेवा में सक्रिय भागीदारी का संदेश दिया।

अपने संबोधन में DGP ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को ऐसे करियर की जरूरत है जिसमें सम्मान के साथ समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा सके, और पुलिस सेवा इसी तरह का रास्ता उपलब्ध कराती है। उन्होंने इसे केवल रोजगार नहीं, बल्कि राष्ट्र‑निर्माण का सशक्त माध्यम बताते हुए युवाओं से आग्रह किया कि वे वर्दीधारी सेवाओं को जुनून और प्रतिबद्धता के साथ अपनाएं।

पुलिस सेवा में विविध करियर विकल्प

श्री राजीव कृष्ण ने बताया कि यूपी पुलिस में साइबर फॉरेंसिक से लेकर सामुदायिक पुलिसिंग, तकनीकी सेवाओं से लेकर फील्ड पुलिसिंग तक, करियर के अनेक आधुनिक और चुनौतीपूर्ण विकल्प मौजूद हैं। उनके अनुसार, डिजिटल युग में साइबर अपराधों की जांच, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, डेटा एनालिसिस, महिला‑सुरक्षा, ट्रैफिक मैनेजमेंट और इमरजेंसी रिस्पॉन्स जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित युवाओं के लिए बड़ी संभावनाएं खुल रही हैं।

DGP ने कहा कि जो युवा टेक्नोलॉजी, कम्युनिकेशन, मनोविज्ञान या कानून पढ़ रहे हैं, वे अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल पुलिस सेवा में कर सकते हैं और समाज के कमजोर वर्गों तक न्याय पहुंचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने माना कि पेशेवर योग्यता के साथ संवेदनशीलता, टीमवर्क और अनुशासन जैसे गुण पुलिसिंग को ज्यादा मानवीय और असरदार बनाते हैं।

युवाओं के लिए संदेश और अपेक्षाएं

राजीव कृष्ण ने युवा छात्रों से कहा कि वे कानून‑व्यवस्था को बनाए रखने और जनता की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी को समझें और अपने करियर की योजना बनाते समय पुलिस, न्याय और अन्य सार्वजनिक सेवाओं को प्राथमिकता में रखें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईमानदारी, चरित्र‑बल, सहानुभूति और नेतृत्व क्षमता को अपनाने वाले युवा ही भविष्य में राज्य की कानून‑व्यवस्था और सुशासन की रीढ़ बन सकते हैं।

कॉन्क्लेव में उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि पुलिस‑छात्र साझेदारी, स्कूली स्तर पर साइबर‑सुरक्षा शिक्षा, और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के ज़रिये युवाओं को समय रहते सही दिशा दी जा सकती है। DGP ने भरोसा जताया कि अगर युवा सही मार्गदर्शन और संकल्प के साथ आगे आएं, तो उत्तर प्रदेश न सिर्फ सुरक्षा के क्षेत्र में, बल्कि शिक्षा और कौशल के मोर्चे पर भी देश के अग्रणी राज्यों में अपनी पहचान और मजबूत कर सकता है।

 

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