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31 अक्टूबर 1982 का दिन तुर्किये की संगीत दुनिया के लिए हमेशा दर्द भरी याद बन गया। उस दिन मशहूर सिंगर बर्गेन अपनी मां के साथ एक टैक्सी का इंतजार कर रही थीं। मौसम सामान्य था, लेकिन कुछ ही पलों में ज़िंदगी बदल गई। अचानक एक नकाबपोश शख्स उनके सामने आया और बिना कुछ बोले उनके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया।

बर्गेन की चीखें गूंज उठीं और मां उन्हें तुरंत अस्पताल ले गईं। तेजाब से उनका चेहरा बुरी तरह झुलस गया था, एक आंख की रोशनी भी चली गई थी। डॉक्टरों ने लगातार 45 दिन तक इलाज किया। हालत बेहद नाज़ुक थी, लेकिन मां की दुआएं और चाहने वालों के प्यार ने उन्हें मौत के मुंह से वापस खींच लिया।

तेजाब हमले के बाद बर्गेन कुछ समय के लिए टूट गईं, मगर हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने फिर से मंच पर वापसी की और गाना जारी रखा। उनके फैंस ने भी उन्हें पहले जैसा प्यार दिया। लेकिन उनकी जिंदगी में त्रासदी यहीं खत्म नहीं हुई। एक दिन जब वह अपने कॉन्सर्ट में प्रस्तुति दे रही थीं, तभी बीच कार्यक्रम में उन्हीं के पूर्व पति ने उन पर गोली चला दी।

घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। बर्गेन को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इस बार उन्हें बचाया नहीं जा सका। पुलिस जांच में सामने आया कि एसिड अटैक और हत्या दोनों की साजिश एक ही व्यक्ति — उनके पूर्व पति — ने रची थी, जो उनकी सफलता और लोकप्रियता से जलता था।

बर्गेन की यह दर्दनाक कहानी पूरे तुर्किये में चर्चा का विषय बन गई। वह घरेलू हिंसा और महिला उत्पीड़न के खिलाफ प्रतीक बन गईं। आज भी लोग उनका नाम लेते ही उस साहसी गायिका को याद करते हैं, जिसने जलने के बाद भी मंच पर गाना नहीं छोड़ा, लेकिन अंततः पुरानी नफ़रतों की भेंट चढ़ गईं।

 

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