ओमान। भारत और ओमान ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement – CEPA) पर हस्ताक्षर कर द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेश के क्षेत्र में सहयोग को नई गति मिलने की उम्मीद है।
समझौते के तहत भारत को ओमान की 98.08 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर शून्य-शुल्क (Zero Duty) पहुंच मिलेगी। इसका सीधा लाभ भारत के 99.38 प्रतिशत निर्यात को मिलेगा, जिससे भारतीय उत्पाद ओमान के बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे।
इस CEPA के लागू होते ही पहले ही दिन से 97.96 प्रतिशत उत्पादों पर शून्य-शुल्क रियायतें दी जाएंगी। इससे भारत के लिए रासायनिक उत्पादों, फार्मास्यूटिकल्स, इंजीनियरिंग सामान, रत्न और आभूषण, कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में निर्यात के अवसरों का विस्तार होगा।
निवेश और सेवाओं में भी सहयोग
यह समझौता केवल वस्तु व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि निवेश, सेवा-क्षेत्र, तकनीकी सहयोग और प्रतिभा-आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में भी साझेदारी को बढ़ावा देगा। ओमान भारत के लिए खाड़ी क्षेत्र में एक रणनीतिक साझेदार है और दोनों देश ऊर्जा, बंदरगाह अवसंरचना और लॉजिस्टिक्स में भी सहयोग बढ़ा रहे हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, CEPA से न केवल व्यापारिक गतिविधियों को बल मिलेगा बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता “मेक इन इंडिया” और “विकसित भारत 2047” के लक्ष्यों को साकार करने में योगदान देगा।