किसानों पर संकट के बादल: नहरों में पानी बंद, गेहूं की बुवाई पर लटका संकट

कांधला।थाना क्षेत्र में नहरों और रजवाहों की चल रही सफाई मुहिम के चलते किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। खेतों में गेहूं की बुवाई का समय चल रहा है, लेकिन सिंचाई के लिए नहरों में पानी न छोड़े जाने से किसानों के खेत सूने पड़े हैं। पानी की कमी के कारण किसान चिंता में डूबे हुए हैं और उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर तत्काल नहरों में पानी छोड़े जाने की मांग की है।प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार पूरे उत्तर प्रदेश में नहरों और रजवाहों की युद्ध स्तर पर सफाई की जा रही है। इस कारण फिलहाल नहरों में पानी का प्रवाह रोक दिया गया है। वहीं, किसानों का कहना है कि यह समय रबी फसल की बुवाई का है और गेहूं बोने से पूर्व खेतों में नमी बनाए रखने के लिए सिंचाई आवश्यक होती है। नहरों में पानी न आने से किसान अपनी जमीनों को जोतने और बुवाई करने में असमर्थ हो रहे हैं।शुक्रवार को क्षेत्र के किसानों — रामकुमार, अब्बास, पवन, उमरदीन, अफसर, आरिफ, राजेश, अंकित, अनिल आदि — ने सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री को पत्र भेजते हुए मांग की कि कांधला क्षेत्र से होकर गुजरने वाली पूर्वी यमुना नहर सहित अन्य सभी रजवाहों में शीघ्र पानी छोड़ा जाए, ताकि किसान अपनी फसलों की बुवाई और सिंचाई समय पर कर सकें।किसानों ने कहा कि यदि जल्द पानी न छोड़ा गया, तो गेहूं की फसल का समय निकल जाएगा और भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उनका कहना है कि हर साल की तरह इस बार भी वे नहरों के पानी पर निर्भर हैं, लेकिन इस बार सफाई अभियान के चलते खेत सूखे पड़े हैं।किसानों ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है कि सफाई कार्य के साथ-साथ किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आंशिक रूप से पानी छोड़ा जाए, जिससे उनकी मेहनत और फसल दोनों बच सकें।किसानों का कहना है: “हमारी फसल पानी पर निर्भर है, अगर समय पर पानी नहीं मिला तो बुवाई ही नहीं हो पाएगी।”

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