मनकामेश्वर महादेव मंदिर पर श्रीमद् भागवत कथा महायज्ञ का द्वितीय दिवस भक्ति व श्रद्धा का अनुपम संगम बना

 

कांधला।पूर्वी यमुना नहर के किनारे स्थित प्राचीन सिद्धपीठ मनकामेश्वर महादेव मंदिर में चल रहे सात दिवसीय दिव्य श्रीमद् भागवत कथा महायज्ञ का द्वितीय दिवस शुक्रवार को श्रद्धा और भक्ति के अद्भुत संगम में परिवर्तित हो गया।श्री श्री 1008 परमहंस श्री स्वामी विशुद्धानन्द जी महाराज के परम कृपा पात्र शिष्य एवं परम पूज्य ब्रह्मस्वरूपानन्द जी महाराज के मुखारविंद से प्रवाहित कथा अमृत ने सैकड़ों श्रद्धालुओं को भक्ति रस में डुबो दिया। मंदिर प्रांगण में सुबह से ही वैदिक मंत्रोच्चार, भजन-कीर्तन और आध्यात्मिक उल्लास की गूंज वातावरण को पवित्र बना रही थी।कथा का शुभारंभ कलश यात्रा और गणेश वंदना से हुआ। तत्पश्चात ब्रह्मस्वरूपानन्द जी महाराज ने श्रीमद् भागवत पुराण के प्रथम स्कंध की गहन व्याख्या करते हुए भगवान विष्णु की अवतार लीलाओं, सृष्टि चक्र और भक्ति मार्ग की महिमा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “श्रीमद् भागवत श्रवण से जन्म-जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन तृष्णाओं से मुक्त होकर परम शांति प्राप्त करता है।”उनकी ओजस्वी वाणी से पूरा वातावरण भावविभोर हो उठा और कई भक्त श्रद्धा के आंसुओं में डूब गए। द्वितीय दिवस पर विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं की सहभागिता उल्लेखनीय रही, जो कथा से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने हेतु उत्साहित दिखे।कथा के समापन पर महाराज ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि “यह कथा यज्ञ केवल कानों से नहीं, हृदय से श्रवण करने योग्य है; इससे जीवन सार्थक बनता है।”आयोजकों के अनुसार, यह महायज्ञ भक्ति, ज्ञान और संस्कारों का प्रतीक है, जो समाज में सकारात्मकता और सद्भावना का संदेश प्रसारित कर रहा है।तृतीय दिवस पर भी विशेष प्रवचन एवं भंडारे का आयोजन निर्धारित है, जिसमें सभी श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया है।इस पावन अवसर पर कांधला नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में भक्ति का माहौल व्याप्त रहा।

मुख्य रूप से घनश्याम सैनी, सोमपाल सैनी, सुभाष सैनी, जियालाल गर्ग, गोपाल सैनी, रविंद्र सैनी, मास्टर राधेश्याम शर्मा, बिट्टू सैनी, संजू सैनी, बिजेंद्र मलिक, मोहकम गुर्जर, नितिन शर्मा, अनिल मित्तल सहित सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे।

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