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“वेस्ट यूपी में बेंच नहीं तो वोट नहीं”—कैराना के वकीलों का नारा!

पश्चिमी यूपी के 22 जिलों के लिए हाईकोर्ट बेंच की मांग तेज, कैराना अधिवक्ताओं ने सरकार पर सौतेले व्यवहार का लगाया आरोप!

कैराना। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की लंबित मांग को लेकर कैराना के अधिवक्ताओं ने शनिवार को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर जोरदार प्रदर्शन किया।

बार एसोसिएशन कैराना के आह्वान पर अधिवक्ता सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक न्यायालय के प्रेमचंद जैन स्मृति द्वार के सामने धरने पर बैठे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।अधिवक्ताओं ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से पश्चिम उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के लोग और वकील हाईकोर्ट खंडपीठ की मांग पर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी सुनवाई नहीं हुई।

वहीं हाल ही में महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में हाईकोर्ट की चौथी खंडपीठ की घोषणा की गई है, जिसके अधिकार क्षेत्र में केवल छह जिले और लगभग 1.64 लाख की जनसंख्या आती है। इसके विपरीत वेस्ट यूपी में सात करोड़ से अधिक की आबादी रहते हुए भी अब तक बेंच की स्थापना नहीं की गई।धरनास्थल पर अधिवक्ताओं ने “वेस्ट यूपी में बेंच नहीं तो वोट नहीं” और “अधिवक्ता एकता जिंदाबाद” जैसे नारे बुलंद किए।

वरिष्ठ अधिवक्ता ब्रह्मपाल सिंह चौहान ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है, यहां तक कि आत्मदाह का सहारा भी लेना पड़ सकता है।धरने के बाद अधिवक्ता अदालत गेट से निकलकर कस्बे के मुख्य पानीपत–शामली मार्ग पर पहुंचे और हाथों में हाथ डालकर मानव श्रृंखला बनाई। इस दौरान सड़क पर कुछ देर के लिए जाम की स्थिति भी उत्पन्न हो गई। अधिवक्ताओं ने साफ कहा कि जब तक पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना नहीं होती, उनका संघर्ष जारी रहेगा।

 

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