ई-रिक्शा चालकों का बेलगाम आतंक..

 

दिल्ली बस स्टैंड से बड़ी नहर तक सड़कों पर अफरातफरी

 

रिपोर्ट सादिक सिद्दीक़ी..

कांधला कस्बे की सड़कों पर इन दिनों ई-रिक्शा चालकों के फर्राटे और मनमानी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली बस स्टैंड, कैराना बस स्टैंड और बड़ी नहर के आसपास तो हालत यह है कि ई-रिक्शा चालक बिना किसी डर के तेज रफ्तार में सड़कों पर दौड़ रहे हैं। न तो उन्हें ट्रैफिक नियमों की परवाह है और न ही लोगों की सुरक्षा का ख्याल।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन तेज रफ्तार ई-रिक्शाओं में कई नाबालिग चालक भी शामिल हैं। ये बिना लाइसेंस और अनुभव के भीड़भाड़ वाले इलाकों में गाड़ियां दौड़ाते हैं। बसों के रुकते ही ये चालक चारों तरफ से घेराव कर देते हैं, जिससे यात्रियों को उतरने-चढ़ने में भारी दिक्कत होती है और कई बार हादसों की नौबत आ जाती है। दिल्ली बस स्टैंड, कैराना बस स्टैंड और बड़ी नहर के आसपास तो हालात इतने बेकाबू हो चुके हैं कि सड़कें मानो इन चालकों की निजी जागीर बन गई हों।

*नाबालिग स्टीयरिंग पर, सुरक्षा भगवान भरोसे*

सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि कई ई-रिक्शा नाबालिग चला रहे हैं—बिना लाइसेंस, बिना अनुभव, भीड़भाड़ और तंग गलियों में ऐसे फर्राटा भरते हैं कि पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं।

*बस आते ही घेराव, यात्री फंसे चारों तरफ*

बस स्टैंड पर तो नज़ारा किसी फिल्मी सीन से कम नहीं—बस रुकते ही ई-रिक्शा चालक चारों तरफ से घेर लेते हैं। यात्री न उतर पाते हैं, न चढ़ पाते हैं, और कई बार तो धक्का-मुक्की में हादसे तक होते-होते बचते हैं।

*ट्रैफिक नियम? किसे परवाह!*

गलत दिशा में चलना, ओवरलोड भरना, और अचानक बीच सड़क पर ब्रेक लगाना—ये इनके रोज़मर्रा के करतब हैं। नतीजा, हाईवे और चौराहों पर घंटों का जाम। कई बार तो एंबुलेंस भी फंस जाती है।

सिपाही चार कदम दूर, फिर भी हालात जस के तस*

दिल्ली बस स्टैंड पर महज़ चार कदम की दूरी पर पुलिस सिपाही की ड्यूटी लगी है, लेकिन लगता है मानो आंखों के सामने हो रही इन मनमानी को देखने की ज़रूरत ही महसूस नहीं होती।

कस्बेवासियों का अल्टीमेटम

लोगों का कहना है—अब बस! प्रशासन तुरंत बेलगाम ई-रिक्शा चालकों पर लगाम लगाए, नाबालिग चालकों पर कार्रवाई करे और ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाए, वरना हादसों का सिलसिला थमने वाला नहीं।

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