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NGT और प्रशासन की निष्क्रियता से कैराना में बढ़ रहा अवैध कब्ज़ा, ग्रीन जोन भी खतरे में!

या तो MDA की कार्रवाई महज दिखावा थी या फिर अवैध निर्माण करने वालों के दिलों में कानून का कोई डर नहीं है!

कैराना (शामली)। शहर के विभिन्न इलाकों में अवैध कालोनियों और प्लाटिंग का निर्माण धड़ल्ले से जारी है। हालांकि विगत दिनों मुज़फ्फ़रनगर डेवलपमेंट अथॉरिटी (MDA) ने अवैध कब्ज़ों पर बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की थी, लेकिन इसके बावजूद कॉलोनाइजर बेखौफ होकर कृषि भूमि पर अवैध निर्माण कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि या तो MDA की कार्रवाई महज दिखावा थी या फिर अवैध निर्माण करने वालों के दिलों में कानून का कोई डर नहीं है।

कहाँ हो रहा है अवैध निर्माण?

शामली रोड, पानीपत रोड, बायपास रोड, मायापुर रोड और झारखेड़ी रोड जैसे प्रमुख इलाकों में कृषि भूमि को अवैध रूप से प्लॉट में बांटकर बेचा जा रहा है। इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो रहा है, जिससे कृषि योग्य भूमि का रकबा लगातार कम होता जा रहा है।

NGT और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल!

स्थानीय लोगों का कहना है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में गंभीर नहीं दिख रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लेकिन NGT द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

क्या कहते हैं अधिकारी?

MDA के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अवैध निर्माण के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन कुछ लोगों की सांठगांठ के कारण यह समस्या बनी हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही एक बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पर्यावरण-प्रेमियों और किसानों ने जताई चिंता!

पर्यावरण-प्रेमी स्थानीय किसान और निवासी इस अवैध निर्माण से बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि अगर यही हाल रहा, तो आने वाले समय में कृषि भूमि पूरी तरह खत्म हो जाएगी और पर्यावरणीय संकट भी गहराएगा। उन्होंने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है।

कैराना में अवैध कालोनियों और प्लाटिंग का मामला गंभीर होता जा रहा है। प्रशासनिक लापरवाही और कॉलोनाइजरों की मनमानी के चलते कृषि भूमि का दोहन जारी है। अब देखना यह है कि प्रशासन और NGT इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाते हैं और कब तक इस अवैध निर्माण पर अंकुश लगता है।

 

 

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