रक्षाबंधन पर मिठाई की आड़ में ज़हर बेच रहे मिलावटखोर,

प्रशासन की चुप्पी बनी सवालिया निशान…

त्योहार की मिठास पर मिलावट का साया, स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड़…

रिपोर्ट: सादिक सिद्दीक़ी

कांधला। रक्षाबंधन का पावन त्योहार नजदीक है। बहनों को अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने और भाइयों को मिठाई खिलाने का बेसब्री से इंतजार है। बाजारों में रौनक है, दुकानों पर भीड़ है, लेकिन इस रौनक और भीड़ के पीछे छुपी है एक गंभीर सच्चाई — मिलावटी मिठाइयों का कारोबार, जो अब जानलेवा रूप लेता जा रहा है।

रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्व पर जहां मिठास रिश्तों को मजबूती देती है, वहीं कुछ लालची मिठाई कारोबारी और मिलावटखोर इस मिठास को ज़हर में बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। कांधला के बाजारों में बिक रही मिठाइयों में मिलावट की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है।

नकली खोया, सिंथेटिक दूध, रंग-बिरंगे ज़हर

सूत्रों के अनुसार बाजार में इस्तेमाल हो रहा खोया नकली है। यह सिंथेटिक दूध और स्टार्च से तैयार किया जा रहा है, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। मिठाइयों में इस्तेमाल हो रहे रंग भी हानिकारक केमिकल्स से बने होते हैं जो कैंसर तक की वजह बन सकते हैं।

कुछ दुकानों पर तो मिठाईयों को लंबे समय तक ताज़ा दिखाने के लिए खतरनाक प्रिज़रवेटिव्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे पेट के संक्रमण, उल्टी-दस्त और फूड पॉयज़निंग के मामले सामने आने लगे हैं।

ना कोई जांच, ना सैंपलिंग

सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि खाद्य सुरक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने अब तक न तो किसी मिठाई की दुकान पर छापा मारा और न ही किसी मिठाई का सैंपल जांच के लिए भेजा गया। कई मिठाई दुकानों पर तो साफ-सफाई का नामोनिशान तक नहीं है। खुले में रखी मिठाइयां धूल, मक्खियों और गंदगी के बीच बिक रही हैं।

जनता में गुस्सा, प्रशासन पर सवाल

कांधला के नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से मिठाई की दुकानों पर जांच अभियान चलाया जाए।

सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है,

“हर साल त्योहारों पर मिठाई की मिलावट सामने आती है, लेकिन कार्रवाई सिर्फ कागजों में होती है। इस बार हम चुप नहीं बैठेंगे। प्रशासन को ज़िम्मेदारी लेनी होगी।”

त्योहार पर मिठास बनी चिंता

रक्षाबंधन की मिठाई अब लोगों के लिए खुशी नहीं, चिंता का कारण बनती जा रही है। यदि जल्द ही प्रशासन ने कठोर कदम नहीं उठाए, तो यह त्योहार कई परिवारों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।

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