
ग़ाज़ा में बच्चों पर कहर: यूनिसेफ ने इजरायल को ‘युद्ध बर्बरता’ का दोषी ठहराया!
85,000 टन बमों से तबाह गाजा, भूख से बिलखते बच्चों की त्रासदी! अंतरराष्ट्रीय संघर्षों के इतिहास में सबसे भीषण बमबारी; हर दिन कुपोषण से मर रहे 57 बच्चे!
ग़ाज़ा, 12 जून — संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने इजरायल पर गाजा पट्टी में “बच्चों के खिलाफ युद्ध” छेड़ने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इजरायली सेना के हवाई हमलों और नाकाबंदी ने गाजा को “बाल नरसंहार की भट्टी” में बदल दिया है। यूनिसेफ के उप प्रमुख टेड चैबान और प्रवक्ता जेम्स एल्डर ने अपने हालिया दौरे के बाद चेतावनी दी है कि यहाँ की स्थिति “मानवता के लिए शर्म का दिन” है।
क्यों बर्बाद हुआ गाजा?
बमबारी का अप्रतिम पैमाना: इजरायली वायुसेना ने अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा पर 85,000 टन से अधिक बम गिराए हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध में ड्रेसडेन, हैम्बर्ग और लंदन पर गिराए गए बमों के कुल वजन से भी अधिक है।
यह हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम (15 किलोटन) की विस्फोटक क्षमता से छह गुना ज़्यादा है।
परिणाम: 69% इमारतें पूरी तरह ध्वस्त, 80% उत्तरी गाजा में कोई घर नहीं बचा।
बच्चे—सबसे बड़े शिकार:
मृतकों में 70% महिलाएँ और बच्चे हैं। लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, जून 2024 तक 64,260 लोग हिंसक चोटों से मरे, जिनमें 59.1% बच्चे और बुजुर्ग थे।
यूनिसेफ के अनुसार, 57 बच्चे सिर्फ़ कुपोषण से मर चुके हैं। अगले ग्यारह महीनों में 71,000 बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार होंगे 37।
भुखमरी: “मानव निर्मित महाविपदा”
93% आबादी (21 लाख) भोजन संकट से जूझ रही है। 4.75 लाख लोग “अकाल जैसी” स्थिति में हैं।
$10 प्रति पाउंड: गेहूँ का आटा इतना महंगा कि लोग पास्ता और दालों को पीसकर रोटी बना रहे हैं।
सहायता अवरुद्ध: इजरायल ने 2 मार्च 2025 से गाजा में सहायता रोक दी है। सैकड़ों ट्रक सीमा पर खड़े हैं, जबकि नई “गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन” (GHF) योजना अराजकता और गोलीबारी में डूबी हुई है।
यूनिसेफ प्रवक्ता जेम्स एल्डर का बयान:
“मैंने तीन बार गाजा का दौरा किया। नवंबर और मार्च में भी आशा की किरण दिखती थी, लेकिन अब मैंने ‘आशा का दम घुटते’ देखा है। बच्चे सड़कों पर भटक रहे हैं, लूटपाट कर रहे हैं या भीड़ में खाने की तलाश में मर रहे हैं।”
अस्पताल और शिक्षा: व्यवस्था ध्वस्त
36 में से सिर्फ़ 3 अस्पताल आंशिक रूप से काम कर रहे हैं। अल-शिफा और नासर अस्पताल ईंधन खत्म होने के कारण 24 घंटे में बंद हो जाएँगे।
87% स्कूल बमबारी से क्षतिग्रस्त। अल-फाखुरा स्कूल जैसे शरणस्थलों पर हमलों में 50 बच्चे एक साथ मारे गए।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल पर “अकाल को हथियार बनाने” का आरोप लगाया है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में इजरायल के खिलाफ नरसंहार का मुकदमा चल रहा है।
युद्ध के 20 महीने बाद गाजा “जीवित नरक” बन चुका है। जहाँ एक ओर बमबारी ने पूरी पीढ़ी को अनाथ कर दिया है, वहीं नाकाबंदी ने मानवीय संकट को वैश्विक शर्म में बदल दिया है। यूनिसेफ की चेतावनी स्पष्ट है: “बच्चों की हत्या तुरंत रुकनी चाहिए।”
महत्वपूर्ण आँकड़े:
85,000+ टन: गाजा पर गिराए गए बम!
93%: भुखमरी झेल रही आबादी!
71,000: अगले साल कुपोषित होने वाले बच्चे!
70%: मृतकों में महिलाएँ और बच्चे!