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मामूली विवाद ने लिया खूनी रंग, इस्सोपुर टिल में दो पक्षों की हिंसक झड़प में महिला सहित 4 गंभीर घायल!

पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया, दोनों पक्षों ने तहरीर देकर मांगी कार्रवाई; थाना प्रभारी ने जांच का आश्वासन दिया!

कांधला, शामली। थाना क्षेत्र के गांव इस्सोपुर टिल में बुधवार सुबह मामूली विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हो गया। घटना में महिला सहित 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने दो की चिंताजनक हालत देखते हुए उन्हें उच्चस्तरीय अस्पताल रेफर कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति नियंत्रित की और दोनों पक्षों से शिकायतें दर्ज कीं।

घटना की क्रमबद्ध जानकारी:

स्थानीय निवासी पवन पक्ष और पूनम पक्ष के बीच सुबह किसी मामूली बात को लेकर कहासुनी हुई। विवाद बढ़ने पर दोनों ओर से करीब एक दर्जन लोग मौके पर जमा हो गए।

गाली-गलौज और अभद्रता के बीच स्थिति इतनी भड़की कि पक्षों ने लाठी-डंडे और पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें पक्षकारों के साथ-साथ आसपास के लोग भी घायल हुए।

घायलों की पहचान एवं हालत:

रवि (30 वर्ष), पूनम (35 वर्ष) और शिवम (20 वर्ष) समेत कुल चार लोग गंभीर चोटें आईं।

महिला घायल की हालत विशेष रूप से नाजुक बताई गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से दो घायलों को तुरंत मेरठ के ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया।

पुलिस की कार्रवाई:

ग्रामीणों की सूचना पर क्षितिज कुमार (थाना प्रभारी, कांधला) की अगुवाई में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को नियंत्रित किया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

दोनों पक्षों ने अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद थाने में तहरीर देकर विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

थाना प्रभारी का बयान:

निरीक्षक क्षितिज कुमार ने बताया कि घटना की जांच के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि छोटे विवादों को पंचायत या पुलिस मध्यस्थता से सुलझाएं।

इस्सोपुर टिल की यह घटना ग्रामीण इलाकों में कानून-व्यवस्था की चुनौतियों को रेखांकित करती है। पुलिस ने शांति समितियों के साथ समन्वय बढ़ाने और घटनास्थलों पर निगरानी तेज करने का फैसला लिया है। स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि तनावग्रस्त इलाकों में तैनाती बढ़ाई जाए।

टिप्पणी: छोटे विवादों को हिंसा में बदलने की प्रवृत्ति समाज के लिए चिंताजनक है। पुलिस को चाहिए कि वह प्रभावी मध्यस्थता तंत्र विकसित करे ताकि ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें। — क्षेत्रीय विश्लेषक।

 

 

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