
कांधला, सोमवार को ख्वासपुर गांव मे विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय न. 1 मे कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केन्द्र जलालपुर के प्रधान वैज्ञानिक डा संदीप चौधरी ने विकसित कृषि संकल्प अभियान के बारे मे जागरूक करते हुए किसानो को वर्तमान समय में गन्ने की फसल में विभिन्न प्रकार के रोग एवं कीट प्रकोप की बढ़ने की जानकारी दी, जिससे उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कीट व रोग के नियंत्रण के लिए किसानो को बीज शोधन व भूमि शोधन करना चाहिए। किसानों को समय पर निगरानी व उचित नियंत्रण उपाय अपनाने की आवश्यकता होती है। गन्ने के प्रमुख रोग एवं नियंत्रण उपाय बताए व बताया कि गन्ने का लाल सड़न के लक्षण पत्तियों का सूखना, गन्ने के अन्दर लाल धारीदार सड़न है। इसके नियंत्रण मे किसान रोगग्रस्त पौधों को खेत से हटाएं व नष्ट करें। रोगरोधी प्रजातियाँ जैसे Co-0238, Co-0118 आदि का चयन करें। मुरझां रोग मे गन्ना का मुरझा और सूख जाता है। इसके नियंत्रण के लिए उचित जल निकास रखें संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें। ट्राईकोड्रमा की 1 किग्रा प्रति एकड़ गोबर खाद में मिलाकर प्रयोग करें। गन्ने के स्मट रोग का नियंत्रण प्रोपिकोनाजोल का प्रयोग 1 मिली प्रति लीटर पानी का घोल बनाकर स्प्रे कर सकते है। साथ ही डा संदीप चौधरी ने गन्ने के प्रमुख कीट एवं नियंत्रण के उपाय बताते हुए गन्ने मे टॉप शूट बोरर के नियंत्रण के लिए क्लोरेन्ट्रानिलिप्रोल 18.5% की 150 मि.ली. प्रति हेक्टेयर अथवा फिफ्रोनिल के साथ इमीडा का एक एम एल प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव करें। जैविक नियंत्रण विधियों जैसे ट्राइकोडर्मा, नीम आधारित कीटनाशी का प्रयोग प्राथमिकता दें। सहायक विकास अधिकारी कृषि रक्षा अजय तोमर ने प्राकृतिक खेती के साथ ही फसलोत्पादन मे फसल विविधिकरण के लाभ, फसल चक्र, एग्रो फोरेस्ट्री करने हेतु किसानो को प्रेरित किया। सहायक विकास अधिकारी कृषि जयदेव उपाध्याय ने किसानो को सोलर पम्प, फार्मर रजिस्ट्री, किसान सम्मान निधि, जिप्सम प्रयोग आदि के साथ कृषि यंत्रीकरण, फसल अवशेष प्रबंधन अन्तर्गत वेस्ट डीकम्पोजर कैप्सूल की जानकारी दी। इस अवसर पर भूमि संरक्षण अनुभाग से विनुज, तकनीकी प्रबन्धक धर्मेंद्र सिंह, विशु, सतेन्द्र, सत्यवान, बिजेंद्र, सत्यप्रकाश, कमलेश्वर, अमित, विनोद सरदार आदि मौजूद रहे।