
जंधेड़ी गौशाला में डीएम का औचक निरीक्षण, गोवंशों की देखभाल के लिए जारी किए कड़े निर्देश!
गर्मी में गोवंशों की सुरक्षा को लेकर डीएम ने कहा: “नियमित नहलाने और पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करें!
कैराना, 09 जून। जिलाधिकारी (डीएम) अरविंद चौहान ने सोमवार को ग्राम जंधेड़ी स्थित गौशाला का औचक निरीक्षण किया और गोवंशों के लिए चारा, पानी व साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश दिए। यह निरीक्षण हिंदूवादी संगठनों के उन आरोपों के बाद हुआ, जिनमें गौशाला में गोवंशों की दुर्दशा और उनके गायब होने का संगीन आरोप लगाया गया था।
निरीक्षण के मुख्य बिंद्र:
गर्मी से बचाव के उपाय: भीषण गर्मी को देखते हुए डीएम ने गोवंशों को नियमित नहलाने, पर्याप्त छाया और पेयजल की समुचित व्यवस्था करने का आदेश दिया। साथ ही हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा।
साफ-सफाई पर जोर: गौशाला में जमा कीचड़ और गंदगी की ओर इशारा करते हुए डीएम ने नालियों की सफाई और परिसर को स्वच्छ रखने के निर्देश दिए। इससे पहले भी जलभराव के कारण गायों के बीमार होने की शिकायतें मिल चुकी थीं।
गोवंशों की संख्या व देखभाल: गौशाला में मौजूद करीब 30 गोवंशों की स्थिति का जायजा लेते हुए डीएम ने केयरटेकर से उनकी दैनिक देखरेख संबंधी जानकारी ली। विरोध प्रदर्शन के दौरान गायों के गायब होने के आरोपों पर प्रशासन ने जांच शुरू की है।
विगत सप्ताह हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने तहसील मुख्यालय पर धरना देकर जंधेड़ी गौशाला में अनियमितताओं और गोवंशों के गायब होने के मामले को उठाया था। उन्होंने गर्मी में पशुओं के लिए अपर्याप्त संसाधनों की ओर भी इशारा किया था।
सितंबर 2021 में इसी गौशाला में जल निकासी पर अवैध कब्जे के कारण जलभराव की समस्या सामने आई थी, जिससे गोवंशों के स्वास्थ्य पर खतरा बना हुआ है 2। इसके अलावा, 2021 में गांव के निकट गोवध की घटना भी सामने आई थी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
डीएम चौहान ने जिला प्रशासन की टीम को एक सप्ताह के भीतर सभी कमियों को दूर करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गोवंशों को बीमारी से बचाने के लिए उन्हें अलग रखने व बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू करने की आवश्यकता है। इस दौरान एसपी रामसेवक गौतम, एसडीएम निधि भारद्वाज और कोतवाली प्रभारी धर्मेंद्र सिंह भी मौजूद रहे।
प्रशासन ने गौशाला के रखरखाव को लेकर एक निगरानी समिति गठित करने का फैसला किया है। साथ ही, गोवंशों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीणों की सहभागिता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि गौशालाओं का नियमित निरीक्षण जारी रखा जाएगा।
टिप्पणी: डीएम अरविंद चौहान ने कहा, “गोवंशों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। गर्मी के मद्देनजर उनकी देखभाल के लिए जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन होना चाहिए।”
इस घटना से स्पष्ट है कि गौशालाओं के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता है। अन्य जिलों में भी गौशाला निरीक्षण के दौरान समान समस्याएं सामने आई हैं, जिनके समाधान के लिए शासन-स्तर पर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।