
भ्रष्टाचार के खिलाफ आखिरी लड़ाई: ICU से सत्यपाल मलिक की भावुक अपील, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप!
हालत बहुत गंभीर… मैं रहूं या न रहूं, देशवासियों को सच बताना चाहता हूं”: ICU से सत्यपाल मलिक का भावुक ट्वीट, रिश्वत से लेकर CBI चार्जशीट तक सब खोला!
50 साल की सेवा के बाद भी एक कमरे के घर में रह रहा हूं, कर्ज में डूबा हूं: सत्यपाल मलिक ने अस्पताल से बताई आर्थिक तंगी, प्राइवेट इलाज तक नसीब नहीं!
जिस टेंडर घोटाले में फंसा रहे हैं, उसे मैंने खुद रद्द किया था: मलिक ने किरू हाइड्रोपावर मामले में CBI चार्जशीट को बताया झूठा, PM को दी थी जानकारी!
नई दिल्ली, 8 जून: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के ICU से एक भावुक ट्वीट करके देश को झकझोर दिया है। गंभीर किडनी रोग से जूझ रहे मलिक ने अपनी नाजुक स्वास्थ्य स्थिति के बीच भ्रष्टाचार, राजनीतिक उत्पीड़न और आर्थिक संघर्ष की कहानी खुलकर बताई। उन्होंने लिखा— “मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है। मैं रहूं या ना रहूं, इसलिए अपने देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं।”।
स्वास्थ्य संकट: दोनों किडनी फेल, डायलिसिस पर निर्भर!
मलिक 11 मई से आरएमएल अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी दोनों किडनी में गंभीर संक्रमण के कारण कार्यक्षमता पूरी तरह खत्म हो गई है, जिससे नियमित डायलिसिस की जरूरत पड़ रही है। पहले उन्हें सामान्य वार्ड में रखा गया था, लेकिन 7 जून को उनकी हालत बिगड़ने पर ICU में शिफ्ट किया गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, मलिक यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) से भी पीड़ित हैं, जिससे उनकी स्थिति और जटिल हुई है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ खुली लड़ाई: रिश्वत से लेकर CBI चार्जशीट तक
अपने ट्वीट में मलिक ने ईमानदारी के साथ अपने राजनीतिक सफर को याद किया और कई बड़े खुलासे किए:
₹150 करोड़ का रिश्वत ऑफर: राज्यपाल रहते दो अलग-अलग फाइलों पर 150-150 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश हुई, जिसे उन्होंने स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के आदर्शों को याद करते हुए ठुकरा दिया।
किरू हाइड्रोपावर घोटाला आरोपों पर सफाई: CBI द्वारा 2,200 करोड़ के किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में चार्जशीट दाखिल करने को “झूठा केस” बताया। मलिक ने दावा किया कि उन्होंने खुद इस टेंडर में भ्रष्टाचार पाए जाने पर इसे रद्द किया था और प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी दी थी। उनके स्थानांतरण के बाद किसी अन्य अधिकारी ने टेंडर को मंजूरी दी।
राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप: उन्होंने साफ कहा कि सरकार उन्हें किसान आंदोलन का समर्थन करने, महिला पहलवानों के साथ खड़े होने और पुलवामा हमले में जांच की मांग करने के कारण निशाना बना रही है।
आर्थिक संघर्ष: कर्ज और एक कमरे का मकान
50 साल तक बड़े पदों पर रहने के बावजूद मलिक ने अपनी गरीबी का मार्मिक जिक्र किया:
“सच्चाई यह है कि … आज भी मैं एक कमरे के मकान में रह रहा हूं और कर्ज में भी हूं। अगर आज मेरे पास धन होता तो प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाता।”
यह बयान भारतीय राजनीति में ईमानदारी के संघर्ष की कड़वी सच्चाई को उजागर करता है।
जनता से अपील: “मेरे बाद सच बताना”
मलिक ने सरकार और एजेंसियों से अनुरोध किया कि अगर उनकी मृत्यु हो जाए तो जनता को यह सच्चाई जरूर बताएं कि उनकी संपत्ति की जांच में क्या मिला। उन्होंने जोर देकर कहा— “मैं किसान कौम से हूं, ना डरने वाला हूं, ना झुकने वाला।”।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: राहुल गांधी ने की मुलाकात!
इस बीच, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को अस्पताल में मलिक से मुलाकात की और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। राहुल ने ट्वीट कर कहा— “सत्य की इस लड़ाई में मैं उनके साथ खड़ा हूं।” यह समर्थन मलिक के आरोपों को और मजबूती देता है।
विवादों से घिरा रहा ज़िन्दगी का सफ़र!
मलिक ने जम्मू-कश्मीर, गोवा, बिहार और मेघालय जैसे राज्यों में राज्यपाल के पद पर काम किया। 2019 में आर्टिकल 370 हटाने के समय वे जम्मू-कश्मीर के गवर्नर थे, लेकिन बाद में सरकार के खिलाफ मुखर हो गए। पुलवामा हमले (2019) पर उनके विवादित बयानों के कारण उनकी आलोचना हुई थी, जिसमें उन्होंने सुरक्षा चूक का आरोप लगाया था।
एक संघर्ष की प्रतीक कहानी
सत्यपाल मलिक का ICU से संदेश न सिर्फ एक व्यक्ति की पीड़ा, बल्कि भारतीय राजनीति में नैतिकता और भ्रष्टाचार के बीच चल रही लड़ाई को दिखाता है। उनकी आर्थिक तंगी और स्वास्थ्य संकट के बावजूद सत्ता के खिलाफ खड़े होने का साहस लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है। जैसे-जैसे उनकी हालत नाजुक बनी हुई है, देश उनके स्वास्थ्य और उनके उठाए सवालों के जवाब की प्रतीक्षा कर रहा है।