
26 वर्षों की सेवा के बाद सूबेदार मेजर मनोज कुमार का भव्य स्वागत, पुष्प-मालाओं और सम्मान से किया अभिनंदन!
अपराजिता ग्रुप ने सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी को स्मृति चिन्ह भेंटकर किया सम्मानित, गांव जगनपुर में आयोजित हुआ भव्य समारोह!
रिटायर्ड बट नॉट टायर्ड” – 31 मई को सेवानिवृत्त हुए सूबेदार मेजर मनोज कुमार के समर्पण को सलाम
कैराना। भारतीय सेना के सूबेदार मेजर मनोज कुमार का 26 वर्षों का गौरवशाली सफर पूरा होने के बाद उनके गांव जगनपुर में भव्य स्वागत किया गया। 31 मई 2025 को सेवानिवृत्त हुए इस वीर सैनिक को अपराजिता ग्रुप द्वारा पुष्प-मालाएं पहनाकर, स्मृति चिन्ह भेंट करके और दोपहर भोज के साथ सम्मानित किया गया। यह समारोह शामली-कैराना मार्ग पर स्थित अपराजिता फूड पॉइंट्स एंड कार वाशिंग सेंटर पर आयोजित किया गया था, जहां स्थानीय गणमान्य लोगों और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने उनका अभिनंदन किया।
सेवा और समर्पण की मिसाल!
मनोज कुमार, जो मेरठ जनपद के कंकरखेड़ा निवासी हैं, ने भारतीय सेना में सूबेदार मेजर के पद पर 26 वर्षों तक निष्ठा और कर्तव्यपरायणता से सेवा दी। उनके समर्पण को देखते हुए समारोह में मौजूद लोगों ने उन्हें “रिटायर्ड बट नॉट टायर्ड” (सेवानिवृत्त पर थके हुए नहीं) की उपाधि से नवाजा। यह घटना सेना के प्रति जनसामान्य के सम्मान और सैनिकों के योगदान को स्वीकार करने की भावना को दर्शाती है।
समारोह की झलकियाँ!
पारंपरिक स्वागत: अपराजिता ग्रुप की ओर से मनोज कुमार को फूलों की मालाएं पहनाई गईं और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
भोज और आत्मीयता: समारोह में दोपहर के भोज का आयोजन किया गया, जहां उनके साथी सैनिकों और परिवारजनों ने उनके साथ खुशियां बांटीं।
मौजूद गणमान्य व्यक्ति: इस अवसर पर ओनरी लेफ्टिनेंट (सेवानिवृत्त) प्रविन्द्र चौहान, कमर्शियल इंस्पेक्टर तरसपाल राठौर, सेवानिवृत्त हवलदार अरुण कालखंडे सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।
सैन्य सेवा के प्रति समाज का समर्थन!
यह घटना न केवल एक व्यक्ति के सम्मान की कहानी है, बल्कि यह देशभक्ति और सैन्य सेवा के प्रति समाज के स्नेह को भी दर्शाती है। सेना से जुड़े लोगों के लिए ऐसे आयोजन उनके मनोबल को बढ़ाते हैं और युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते हैं।
सूबेदार मेजर मनोज कुमार का यह सम्मान समारोह उनकी सेवा और समर्पण को याद करने का एक सुंदर अवसर था। सेना के प्रति इस तरह के सम्मान से यह स्पष्ट होता है कि देश की रक्षा में अपना जीवन समर्पित करने वाले जवान हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहते हैं।