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शिक्षा जगत की अपूरणीय क्षति: पूर्व प्रधानाध्यापक पूरण चंद बैरागी का 88 वर्ष की आयु में निधन!

कैराना में शोक की लहर, 43 वर्षों तक शिक्षा से जुड़े रहे मास्टर पूरण चंद बैरागी का अंतिम संस्कार संपन्न!

पोते-नातियों से भरा परिवार छोड़ गए मास्टर जी, सैकड़ों लोगों ने अंतिम यात्रा में लिया भाग!

कैराना, 28 मई: शिक्षा जगत के एक प्रतिष्ठित स्तंभ और क्षेत्र के बौद्धिक व्यक्तित्व पूर्व प्रधानाध्यापक पूरण चंद बैरागी का लंबी बीमारी के बाद 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से गांव कण्डेला सहित पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। मास्टर पूरण चंद करीब चार-पांच माह से अस्वस्थ चल रहे थे और मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

शिक्षा के क्षेत्र में अमिट छाप

मास्टर पूरण चंद बैरागी ने वर्ष 1960 से 2003 तक शिक्षण कार्य किया और इस दौरान विभिन्न प्राथमिक विद्यालयों में 27 वर्षों तक प्रधानाध्यापक के रूप में सेवाएं दीं। उनका कार्यकाल शिक्षा के प्रति समर्पण और छात्रों के उत्थान के लिए याद किया जाएगा। उनके पूर्व छात्र और सहकर्मी उन्हें एक सहृदय, अनुशासनप्रिय और ज्ञानी शिक्षक के रूप में याद कर रहे हैं।

पारिवारिक जीवन और अंतिम संस्कार

मास्टर पूरण चंद बैरागी ने छह संतानों (तीन पुत्र—विनोद, मनोज, कमल; तीन पुत्रियाँ—मधु, प्रमोदी, सविता) और पोते-नातियों से भरा-पूरा परिवार छोड़ा है। उनके मंझले पुत्र मनोज बैरागी ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। दोपहर करीब एक बजे उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। गांव और आसपास के क्षेत्रों से लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

समाज में छोड़ी गई विरासत

मास्टर पूरण चंद बैरागी का नाम क्षेत्र के बौद्धिक व्यक्तियों में शुमार था। उनके निधन से शिक्षा जगत को गहरा आघात लगा है। उनके परिवार और शुभचिंतकों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।

शोक संदेश:

“शिक्षा के इस महान साधक के निधन से हम सभी गहरे दुखी हैं। उनका जीवन समर्पण और सेवा की मिसाल था। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करे।”

 

 

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