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50+ हत्याओं का आरोपी ‘डॉक्टर डेथ’ गिरफ्तार: पुजारी बनकर दे रहा था ‘जीव हत्या महापाप’ का उपदेश, टैक्सी ड्राइवरों की हत्या कर मगरमच्छों को खिलाता था शव!

दिल्ली पुलिस का बड़ा एक्शन, किडनी रैकेट और सीरियल किलिंग के आरोपी देवेंद्र शर्मा को दौसा के आश्रम से पकड़ा!

125 अवैध किडनी ट्रांसप्लांट और 50 हत्याओं का कुख्यात अपराधी फिर जेल में, पैरोल पर फरार होकर बाबा बना था!

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कुख्यात सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ “डॉक्टर डेथ” को राजस्थान के दौसा जिले से मंगलवार को गिरफ्तार किया है। शर्मा एक आश्रम में फर्जी पुजारी के रूप में छिपा हुआ था और पुलिस की छह महीने की मुहिम के बाद उसे धर दबोचा गया। उस पर 50 से अधिक हत्याओं का आरोप है, जिनमें ज्यादातर टैक्सी और ट्रक ड्राइवर शामिल हैं।

कैसे हुई गिरफ्तारी?

देवेंद्र शर्मा अगस्त 2023 में पैरोल पर तिहाड़ जेल से बाहर आया था, लेकिन वह वापस नहीं लौटा और फरार हो गया। पुलिस ने उसकी तलाश में अलीगढ़, जयपुर, दिल्ली और आगरा तक छानबीन की। आखिरकार, गुप्त सूत्रों से पता चला कि वह दौसा के एक आश्रम में पुजारी के वेश में रह रहा है। पुलिस ने उसे वहां प्रवचन देते हुए पकड़ा, जहां वह श्रद्धालुओं को “जीव हत्या महापाप” का उपदेश दे रहा था।

खौफनाक अपराधों की कहानी!

किडनी रैकेट: शर्मा ने 1998 से 2004 तक 125 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट करवाए, जिसमें वह गरीबों को लालच देकर डोनर बनाता था और हर ट्रांसप्लांट पर 5-7 लाख रुपये कमाता था।

टैक्सी ड्राइवरों की हत्या: वह फर्जी ट्रिप बुक करके ड्राइवरों को मारता, उनकी गाड़ियां ग्रे मार्केट में बेचता और शवों को कासगंज की हजारा नहर में मगरमच्छों को खिला देता था ताकि सबूत नष्ट हो जाएं।

पहले भी फरार हो चुका है: 2020 में भी वह पैरोल पर भाग गया था और सात महीने बाद पकड़ा गया था।

सजा और कोर्ट केस

  • देवेंद्र शर्मा पहले से ही 7 मामलों में उम्रकैद और एक मामले में फांसी की सजा काट रहा था।
  • उसके खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, यूपी और राजस्थान में कुल 27 केस दर्ज हैं।

परिवार और पत्नी ने छोड़ दिया था!

2004 में उसके अपराध सामने आने के बाद उसकी पत्नी और बच्चों ने उसे छोड़ दिया। उसका एक बेटा स्विट्जरलैंड और दूसरा केरल में रहता है।

देवेंद्र शर्मा का मामला भारत के सबसे कुख्यात सीरियल किलर केस में से एक है। उसकी गिरफ्तारी से पुलिस ने एक बार फिर अपनी क्षमता साबित की है, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि ऐसे अपराधियों को पैरोल देने की नीति पर पुनर्विचार की जरूरत है। अब उसे दोबारा तिहाड़ जेल भेज दिया गया है, जहां उसकी फांसी का इंतजार है।

 

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