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भारत को पाकिस्तान पर हत्यारों को सौंपने के लिए दबाव बनाना चाहिए था – स्वामी ने उठाई सरकार पर उंगली!

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना: युद्धविराम के बाद पाकिस्तान से पहलगाम नरसंहार करने वाले आतंकियों को सौंपने की मांग नहीं की!

पहलगाम हमले के हत्यारों को भारत को सौंपने की मांग पर स्वामी का सवाल- सरकार क्यों चूकी? स्वामी ने कहा कि अगर हमने पाकिस्तान को इन आतंकवादियों को सौंपने के लिए मजबूर किया होता, तो यह एक स्पष्ट संदेश जाता कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं करेगा!

नई दिल्ली: जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। स्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए सरकार की रणनीति पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि भारत को पाकिस्तान पर दबाव बनाकर 27 मासूम पर्यटकों की निर्मम हत्या करने वाले आतंकवादियों को भारतीय सेना के हवाले करने की मांग करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।

पहलगाम हमले को लेकर स्वामी का तीखा एतराज!

स्वामी ने अपने पोस्ट में कश्मीर के पहलगाम में हुए उस घटना का जिक्र किया, जिसमें 27 पर्यटकों को उनकी पत्नियों के सामने निर्ममता से मार दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह हमला भारतीय नागरिकों के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध था। सरकार को पाकिस्तान से इन हत्यारों को भारतीय सुरक्षा बलों, विशेषकर कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ को सौंपने की मांग करनी चाहिए थी, लेकिन युद्धविराम के बाद ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया।

‘सरकार ने अवसर गंवाया’

स्वामी ने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक और सैन्य स्तर पर दबाव बनाने का मौका खो दिया है। उन्होंने कहा कि अगर हमने पाकिस्तान को इन आतंकवादियों को सौंपने के लिए मजबूर किया होता, तो यह एक स्पष्ट संदेश जाता कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं करेगा। लेकिन सरकार की निष्क्रियता से पाकिस्तान को यह संदेश मिल गया कि वह ऐसे हमलों की कीमत नहीं चुकाएगा।

विपक्ष और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

स्वामी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं, सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान से आतंकवादियों को सौंपने की मांग करना अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रक्रियाओं के मद्देनजर जटिल है, लेकिन राजनयिक स्तर पर ऐसी पहल की जा सकती थी।

सरकार की चुप्पी पर सवाल

अब तक केंद्र सरकार या विदेश मंत्रालय की ओर से स्वामी के इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, सरकार पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने पर काम कर रही है।

नागरिकों की प्रतिक्रिया

पहलगाम हमले में मारे गए पर्यटकों के परिवारों ने स्वामी के बयान का स्वागत किया है। एक पीड़ित परिवार के सदस्य ने कहा कि जंग के बाद भी हमें न्याय नहीं मिला। सरकार को पाकिस्तान से इन हत्यारों को खोजने और सजा दिलाने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए।

सुब्रह्मण्यम स्वामी का यह बयान एक बार फिर उस बहस को हवा दे रहा है कि आतंकवाद से निपटने में भारत की रणनीति कितनी प्रभावी है। जबकि सरकार अक्सर ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात करती है, विपक्ष का आरोप है कि वास्तविक कार्रवाई में ठोस कदम नदारद हैं।

 

 

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