
मासूम चेहरे के पीछे ड्रग्स एडिक्शन: हैदराबाद के ओमेगा हॉस्पिटल की CEO डॉ. नम्रता चिगुरुपति कोकीन खरीदते हुए गिरफ्तार!
Whatsapp के ज़रिए 5 लाख रुपये की कोकीन ऑर्डर, मुंबई के ड्रग सप्लायर से था संपर्क!
पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा- ड्रग्स पर 70 लाख रुपये खर्च कर चुकी हैं CEO!
हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां ओमेगा हॉस्पिटल की CEO डॉ. नम्रता चिगुरुपति को कोकीन खरीदते हुए पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में मुंबई के एक ड्रग सप्लायर और हैदराबाद में ड्रग्स पहुंचाने वाले सहयोगी को भी हिरासत में लिया गया है।
रायदुर्गम पुलिस को विश्वसनीय सूचना मिली कि डॉ. नम्रता ने व्हाट्सएप के माध्यम से मुंबई के ड्रग सप्लायर वंश धाकड़ से 5 लाख रुपये की कोकीन का ऑर्डर दिया है। इसके बाद 9 मई को पुलिस ने सुरक्षा कैमरों और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से उनकी गतिविधियों पर नजर रखी। जब बालकृष्ण नाम का व्यक्ति कोकीन लेकर शैकपेट स्थित अपार्टमेंट में डॉ. नम्रता से मिला, तो पुलिस ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने 53 ग्राम कोकीन, 10,000 रुपये नकद और दो मोबाइल फोन जब्त किए। फोन में व्हाट्सएप चैट और ऑनलाइन पेमेंट के सबूत मिले, जिससे ड्रग्स ऑर्डर की पुष्टि हुई।
पूछताछ में क्या ख़ास आया सामने?
डॉ. नम्रता ने पुलिस को बताया कि वह पिछले कुछ समय से ड्रग्स का सेवन कर रही हैं और इस पर करीब 70 लाख रुपये खर्च कर चुकी हैं। उन्होंने मुंबई के सप्लायर वंश धाकड़ को पहले से जानती थीं और कूरियर के जरिए ड्रग्स मंगवाती रहती थीं।
अन्य आरोपी कौन हैं?
- बालकृष्ण (रैम्पयार राम): यह व्यक्ति वंश धाकड़ का सहयोगी है और ड्रग्स की डिलीवरी करता था।
- वंश धाकड़ (फरार): मुंबई स्थित यह ड्रग सप्लायर अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क मुंबई-हैदराबाद में सक्रिय है और इसकी जांच चल रही है।
कानूनी कार्रवाई
दोनों आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट (नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब वंश धाकड़ की तलाश कर रही है और ड्रग नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है।
रायदुर्गम पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर वेंकन्ना ने बताया कि हमें ड्रग्स की आपूर्ति की जानकारी मिली थी। तकनीकी सहायता से हमने आरोपियों को पकड़ा। कोकीन का नमूना FSL (फॉरेंसिक साइंस लैब) भेजा गया है।
यह मामला हैदराबाद में ड्रग्स के बढ़ते नेटवर्क की ओर इशारा करता है। पुलिस का कहना है कि उच्च पदों पर बैठे लोगों की संलिप्तता चिंताजनक है और इसकी जांच को प्राथमिकता दी जा रही है।