
भारत-पाक युद्ध विराम: जानिए सीज़ फ़ायर के पीछे की पूरी कहानी!
भारत-पाकिस्तान सीमा पर तत्काल सीजफायर! अमेरिकी मध्यस्थता से शांति की उम्मीद!
मार्को रुबियो ने खोला राज़: 48 घंटे में मोदी-शरीफ और सेना प्रमुखों से हुई वार्ता!
पाक DGMO की पहल पर 5 बजे से लागू हुआ सीजफायर, 12 मई को फिर बातचीत!
नई दिल्ली। 10 मई। भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच बड़ा राहत भरा एलान हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दावा किया कि दोनों देश तत्काल सीजफायर पर सहमत हो गए हैं। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस समझौते के पीछे की पूरी कहानी साझा की।
अमेरिकी दबाव या दोनों देशों की सूझबूझ?
रुबियो ने बताया कि पिछले 48 घंटों में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर समेत वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बातचीत की। उन्होंने कहा कि हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि दोनों देशों ने तत्काल युद्धविराम और तटस्थ स्थल पर बातचीत शुरू करने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री मोदी और शरीफ की राजनीतिक परिपक्वता सराहनीय है।
पाकिस्तानी DGMO ने उठाया पहला कदम!
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने भारतीय DGMO को शुक्रवार दोपहर 3:35 बजे फोन करके सीजफायर का प्रस्ताव रखा। दोनों पक्षों ने भारतीय समयानुसार शाम 5 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी सैन्य कार्रवाइयाँ रोकने पर सहमति जताई। मिस्री ने कहा कि दोनों ओर से सेनाओं को यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 12 मई को दोपहर 12 बजे DGMO स्तर पर फिर वार्ता होगी।
क्यों रुके ड्रोन हमले?
पिछले दो दिनों से सीमा पर ड्रोन और हवाई हमलों की घटनाएँ बढ़ गई थीं, लेकिन शुक्रवार को ये अचानक थम गईं। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका ने दोनों देशों पर गुप्त दबाव बनाकर बातचीत का रास्ता खोला। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से भी तनाव कम करने की अपील की जा रही थी। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि वह कश्मीर मुद्दे पर किसी तरह का समझौता नहीं करेगा।
अब 12 मई को होने वाली वार्ता में सीमा सुरक्षा, आतंकवाद और कूटनीतिक संबंधों पर चर्चा होने की उम्मीद है। दोनों देशों के नागरिकों ने इस सीजफायर का स्वागत किया है, लेकिन स्थायी शांति की राह अभी लंबी लग रही है।