कांधला थाना क्षेत्र में दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामले दर्ज, आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू!
पत्नी के साथ अश्लील हरकतें और धमकी – भभीसा गांव के मामले में आरोपी फरार, पुलिस छापेमारी में जुटी!
गढ़ी दौलत में दो युवकों ने महिला के साथ मारपीट कर छेड़छाड़ की, पुलिस ने दोनों मामलों में अभियोग पंजीकृत किए!
शामली। थाना कांधला क्षेत्र के दो अलग-अलग गांवों में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और मारपीट के गंभीर मामले सामने आए हैं। पुलिस ने दोनों घटनाओं में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस प्रशासन का दावा है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
भभीसा गांव का मामला: अकेली महिला के साथ जबरदस्ती!
थाना क्षेत्र के भभीसा गांव निवासी एक ग्रामीण ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई कि उसकी पत्नी घर पर अकेली थी। इसी दौरान गांव के एक युवक ने जबरन घर में घुसकर महिला के साथ अश्लील हरकतें करने लगा। जब महिला ने विरोध किया, तो आरोपी ने उसके साथ मारपीट की और गाली-गलौज करते हुए हत्या की धमकी दी। घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। पीड़िता ने घटना की जानकारी अपने पति को दी, जिसके बाद परिवार ने थाने में नामजद शिकायत दर्ज कराई।
गढ़ी दौलत का मामला: दो युवकों ने किया छेड़छाड़ और मारपीट!
दूसरा मामला थाना क्षेत्र के गांव गढ़ी दौलत का है। यहां एक महिला ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि गांव इस्सोपुर टिल निवासी गौतम और कुलदीप नाम के दो युवकों ने उसके साथ छेड़छाड़ की और मारपीट की। महिला के अनुसार, आरोपियों ने उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। पुलिस ने इस मामले में भी आरोपियों के खिलाफ धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है।
थानाध्यक्ष ने बताया कि दोनों मामलों में गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने छापेमारी अभियान शुरू कर दिया है।
इन घटनाओं ने एक बार फिर महिला सुरक्षा और पुलिस की प्रतिक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी ने पिछले वर्ष हरदोई के पाली थाना निरीक्षण के दौरान कहा था कि महिलाओं के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया जाए। हालांकि, स्थानीय निवासियों का मानना है कि पुलिस को ऐसे मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि अपराधियों में भय बना रहे।
कांधला थाना क्षेत्र में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बढ़ती घटनाएं चिंताजनक हैं। पुलिस की कार्रवाई से समाज में विश्वास बहाल होगा, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए जागरूकता अभियान और सामुदायिक सहयोग भी जरूरी है।