
कैराना सब्जी मंडी में आढ़तियों की चिल्लाहट: बिजली, पानी के अभाव और गंदगी ने बढ़ाई मुश्किलें!
सुविधाओं के अभाव में आढ़तियों का व्यवसाय ठप, प्रशासन से मांगा त्वरित समाधान!
समस्याएं नहीं सुलझीं तो उतरेंगे सड़क पर! – आढ़तियों ने दी प्रशासन को चेतावनी!
कैराना (उत्तर प्रदेश)। शामली जिले के कैराना कस्बे की सब्जी मंडी में आढ़तियों (कमीशन एजेंट्स) को बिजली, पानी और सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में उनका कारोबार लगातार प्रभावित हो रहा है, जिससे आर्थिक नुकसान का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
बिजली व पानी की क़िल्लत व गन्दगी बनी परेशानी!
सब्जी मंडी में बिजली की आपूर्ति अक्सर बाधित रहती है। आढ़तियों का कहना है कि लंबी कटौती के दौरान कोल्ड स्टोरेज और सब्जियों को ताजा रखने वाले उपकरण बंद हो जाते हैं, जिससे सामान खराब हो जाता है। मंडी समिति के अध्यक्ष मारुफ़ चौधरी ने विजिलेंस मीडिया से बात करते हुए बताया कि पिछले महीने 8 घंटे की बिजली कटौती में हमारे सैकड़ों क्विंटल टमाटर सड़ गए। लाखों का नुकसान हुआ, लेकिन प्रशासन ने कोई मुआवजा नहीं दिया।
मंडी में पानी की व्यवस्था भी चरमराई हुई है। सब्जियों को धोने और ताजा रखने के लिए पर्याप्त पानी न मिलने से आढ़तियों को निजी टैंकरों से महंगा पानी खरीदना पड़ रहा है। आढ़ती संघ के अध्यक्ष मोहन लाल ने कहा कि हर दिन 500-600 रुपए सिर्फ पानी पर खर्च होते हैं। यह बोझ हमारी मार्जिन खा रहा है।
मंडी में सफाई व्यवस्था की दयनीय स्थिति ने भी समस्या बढ़ाई है। कचरे के ढेर और नालियों के उफनने से गंदगी व दुर्गंध फैली है। इससे ग्राहक मंडी आने से कतरा रहे हैं। दुकानदार सुरेश त्यागी ने शिकायत की लोग यहां से सामान लेने के बजाय दूसरे बाजारों का रुख कर रहे हैं।
प्रशासन को चेतावनी!
आढ़तियों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर 48 घंटे के भीतर समस्याओं के समाधान की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई, तो वे बड़े प्रदर्शन पर उतरेंगे। इस संबंध में एसडीएम कार्यालय से बात करने पर अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही समुचित कदम उठाए जाएंगे।
कैराना की सब्जी मंडी क्षेत्र के किसानों और व्यापारियों के लिए आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है। प्रशासन की उदासीनता न केवल आढ़तियों, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा रही है। यदि समस्याएं नहीं सुलझीं, तो यह विवाद और बढ़ सकता है।