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कांधला में संपत्ति विवाद में हुई जानलेवा मारपीट, महिला और बेटियों पर परिजनों का ख़ूनी हमला!

पुलिस ने शुरुआत में ठुकराई शिकायत, CM हेल्पलाइन के दबाव के बाद दर्ज हुई एफआईआर!

सरकारी अस्पताल में इलाज के नाम पर लापरवाही: चोटिल सिर को नज़रअंदाज़, डॉक्टर पर अभद्रता व गाली गलौज के आरोप!

आरोपी अभी भी फ़रार, पीड़ितों को जान का ख़तरा! पीड़ित लड़की को दे रहे अंजाम भुगतने की धमकी! 

शामली। कांधला: संपत्ति को लेकर परिवार के ही सदस्यों ने मां बेटी पर जानलेवा हमला कर दिया। कांधला निवासी शरीन जंग पुत्री मीर जंग ने बताया कि उनके ही परिवार के इदरीश, तनवीर, आरिफ और तुभरीक ने गुरुवार शाम 8:30 बजे उनके घर में धावा बोलकर उनकी मां को जान से मारने की कोशिश की। शरीन के अनुसार उनके पिता के निधन के बाद ये लोग हमारी ज़मीन-जायदाद हड़पना चाहते हैं। हम दो बहनें हैं, कोई भाई नहीं। वे न सिर्फ़ हमें रास्ते से हटाना चाहते हैं, बल्कि मेरी शादी में भी अड़ंगा लगाते हैं। जहां भी रिश्ता तय होता है, वे गाली-गलौज करके उसे तोड़ देते हैं।

पुलिस ने शुरू में की अनसुनी, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन ने दिलाई राहत!

घटना के बाद पीड़ित परिवार ने कांधला थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मामला लेने से इनकार कर दिया। शरीन ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हेल्पलाइन पर फ़ोन किया। इसके बाद ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर हमें मेडिकल जांच के लिए सरकारी अस्पताल भेजा।

अस्पताल में लापरवाही के आरोप, डॉक्टर रामबीर सिंह ने की गाली गलौज!

परिजनों ने कांधला सरकारी अस्पताल के डॉक्टर रामबीर सिंह और स्टाफ़ पर गंभीर आरोप लगाए। शरीन के मुताबिक, उनकी मां के सिर में गहरी चोट थी, लेकिन डॉक्टर ने सीटी स्कैन की जगह छाती का एक्स-रे करवाया। न तो दवा दी गई, न ही रेफ़रल। जब हमने सवाल किए, तो डॉक्टर और कर्मचारियों ने गाली दी। पीड़ित परिवार ने अस्पताल प्रशासन के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है।

आरोपी अभी भी फ़रार, पीड़ितों को जान का ख़तरा!

घटना को एक दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ़्तार नहीं किया है, शरीन ने बताया कि ये लोग खुलेआम घूम रहे हैं और हमें अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं। हमारी जान को ख़तरा है। उन्होंने प्रशासन से त्वरित न्याय और आरोपियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की गुहार लगाई है।

शरीन जंग ने कहा कि हमें डराया नहीं जा सकता। हमलावरों को सज़ा मिलनी चाहिए और डॉक्टर की लापरवाही और अभद्रता पर भी कार्रवाई हो। मामले में पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है, लेकिन आरोपियों की गिरफ़्तारी अभी बाकी है।

यह मामला संपत्ति विवाद से उपजे पारिवारिक हिंसा, प्रशासनिक उदासीनता और स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों की ओर इशारा करता है। पीड़ित परिवार के साथ-साथ स्थानीय नागरिक भी त्वरित न्याय की मांग कर रहे हैं।

 

 

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