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कैराना में नगरपालिका के कर वृद्धि के खिलाफ सभासद शगुन मित्तल ने उठाई आवाज, डीएम को सौंपा प्रार्थना-पत्र

स्वकर प्रणाली के सर्वे में अनियमितताओं का आरोप, गरीबों पर आर्थिक बोझ बढ़ने की चेतावनी

1% शुल्क जमा करने के बाद ही मकान ट्रांसफर की प्रक्रिया अवैध: सभासद ने मांगा नियमानुसार सर्वे

Shamli: कैराना नगरपालिका परिषद के वार्ड-15 से निर्वाचित सभासद एडवोकेट शगुन मित्तल ने नगरपालिका द्वारा लागू की जा रही कर वृद्धि का जोरदार विरोध किया है। उन्होंने शनिवार को तहसील मुख्यालय पर आयोजित “सम्पूर्ण समाधान दिवस” में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) अरविंद चौहान को एक प्रार्थना-पत्र सौंपकर कर वृद्धि के लिए चल रहे सर्वे कार्य को नियमानुसार कराने की मांग की।

मुख्य आरोप और मांग:

स्वकर प्रणाली में अनियमितता: शगुन मित्तल ने आरोप लगाया कि नगरपालिका द्वारा “स्वकर प्रणाली” के तहत कस्बे में चलाए जा रहे सर्वे कार्य में मनमाने ढंग से कर वृद्धि की जा रही है। इससे गरीब जनता पर आर्थिक दबाव बढ़ने की आशंका जताई गई।

1% शुल्क का विवाद: सभासद ने बताया कि सर्वे के दौरान 1% शुल्क जमा कराने के बाद ही मकान का नाम नए क्रेता के नाम ट्रांसफर किया जा रहा है, जो नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की।

जनहित में सर्वे की मांग: मित्तल ने जोर देकर कहा कि सर्वे कार्य पारदर्शी तरीके से होना चाहिए और इसमें नगरपालिका अधिनियम का पालन सुनिश्चित किया जाए।

नगरपालिका द्वारा कर वृद्धि के मामले में सर्वे कार्य को लेकर पहले भी आरोप लगते रहे हैं। इसी तरह, झारखंड के कोडरमा जिले में भी होल्डिंग टैक्स में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के खिलाफ जन आंदोलन हुआ था। वहीं, फर्रुखाबाद-कन्नौज में भी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर नई कर व्यवस्था के विरोध में सभासदों ने आवाज उठाई थी।

शगुन मित्तल ने स्पष्ट किया कि यदि नगरपालिका प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देता है, तो वह जनता के साथ मिलकर बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा संघर्ष सिर्फ कर वृद्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि नागरिकों के अधिकारों और नियमों के पालन के लिए है।

इस मामले पर डीएम अरविंद चौहान ने प्रार्थना-पत्र प्राप्त करने के बाद जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला नगरपालिकाओं में बढ़ते करों और प्रशासनिक अनियमितताओं की ओर इशारा करता है। इससे पहले भी कई शहरों में कर वृद्धि के विरोध में सभासदों और जनता ने आंदोलन किए हैं। शगुन मित्तल का यह कदम स्थानीय स्तर पर नागरिक अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाला माना जा रहा है।

 

 

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