
मन्नामाजरा फायरिंग प्रकरण: दो आरोपियों ने कोर्ट में किया आत्मसमर्पण, जावेद भाटी समेत जेल भेजे
गुट सरदार याहया की गिरफ्तारी के बाद दूसरे गुट के सरदार जावेद ने कोर्ट में किया सरेंडर!
17 आरोपियों वाले मामले में अब तक 7 गिरफ्तार, पुलिस ने बताई शेष की तलाश की रणनीति
शामली। कैराना: गांव मन्नामाजरा में 1 अप्रैल को दो गुटों के बीच हुए खूनी संघर्ष और ताबड़तोड़ फायरिंग के मामले में नया मोड़ आया है। दो आरोपियों, जिनमें एक गुट का तथाकथित सरदार जावेद उर्फ भाटी शामिल है, ने बुधवार को पुलिस को चकमा देकर न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। इन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इससे पहले, दूसरे गुट के सरदार याहया उर्फ याहिया को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
1 अप्रैल को गांव मन्नामाजरा में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें राकिब, रिजवान उर्फ चीमा और परवेज उर्फ भाटी घायल हो गए थे। राकिब और रिजवान को पैर में गोलियाँ लगीं, जबकि परवेज के सिर पर ईंट से हमला हुआ था। इस घटना के बाद पुलिस ने 17 नामजद और कुछ अज्ञात आरोपियों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था ।
गिरफ्तारियों का सिलसिला
याहया उर्फ याहिया, जो एक गुट का सरदार माना जाता है, को पुलिस ने मंगलवार को 315 बोर का तमंचा और कारतूस बरामद करते हुए गिरफ्तार किया।
जावेद उर्फ भाटी (दूसरे गुट का सरदार) और जावेद जहानपुरा ने बुधवार को सीधे न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। इन पर भी अवैध हथियार रखने के आरोप हैं।
इससे पहले, 3 अप्रैल को मुनव्वर और परवेज भाटी को गिरफ्तार किया गया था, जिनके पास से भी अवैध तमंचा बरामद हुआ था।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि अब तक 7 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि शेष की तलाश जारी है।
फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से कारतूस, खोखे और क्षतिग्रस्त बाइक सहित अन्य सबूत जुटाए हैं।
पुलिस का दावा है कि यह संघर्ष सोशल मीडिया पर उत्तेजक स्टेटस को लेकर हुआ था, जिसके बाद पंचायत बैठक के दौरान हिंसा भड़क उठी।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि शेष 10 आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी जारी है। इस मामले में घायलों समेत सभी आरोपियों पर हत्या, गिरोहबंदी और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज है।