जयपुर की बेटी शाइस्ता ने शैक्षणिक मैदान में रचा इतिहास, अलवर कला कॉलेज में मिली नियुक्ति
24 वर्षीय शाइस्ता नाज़ क़ुरैशी ने राजस्थान असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में बनाया टॉप, अंग्रेजी विषय में हासिल की प्रथम रैंक
मात्र 24 साल की उम्र में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने वाली शाइस्ता नाज़ क़ुरैशी को राज्य भर से बधाई का सैलाब
जयपुर, राजस्थान। राजस्थान की राजधानी जयपुर के विद्यानगर मोहल्ले की रहने वाली शाइस्ता नाज़ क़ुरैशी ने राज्य की असिस्टेंट प्रोफेसर (अंग्रेजी विषय) परीक्षा में ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मात्र 24 वर्ष की उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर शाइस्ता ने न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे राज्य को गौरवान्वित किया है। उन्हें अलवर स्थित कला कॉलेज में नियुक्ति मिली है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और संघर्ष:
शाइस्ता नाज़ क़ुरैशी, मोहम्मद क़ुरैशी की बेटी, ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के समर्पण और शिक्षकों के मार्गदर्शन को दिया। उन्होंने बताया कि कोचिंग और स्वयं अध्ययन के बीच संतुलन बनाकर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। शाइस्ता ने कहा कि मेरा सपना था कि मैं शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दूं। इस सफलता से मुझे युवाओं को प्रेरित करने का मौका मिलेगा।
परीक्षा परिणाम और प्रतिक्रियाएं:
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित इस परीक्षा में शाइस्ता ने अंग्रेजी विषय में टॉप किया। उनकी सफलता पर जयपुर समेत राज्यभर के शैक्षणिक संस्थानों और राजनीतिक हस्तियों ने उन्हें बधाई दी। शाइस्ता के पिता मोहम्मद क़ुरैशी ने कहा कि हमारी बेटी ने साबित किया कि लड़कियां समाज में बदलाव ला सकती हैं।
भविष्य की योजनाएं:
अलवर कला कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यभार संभालने वाली शाइस्ता का कहना है कि वह छात्रों को रोज़गारोन्मुखी शिक्षा देने पर ध्यान देंगी। उन्होंने युवाओं से कहा कि लक्ष्य के प्रति ईमानदारी और नियमित अभ्यास ही सफलता की कुंजी है।
समाज में प्रभाव:
शाइस्ता की सफलता ने विशेष रूप से महिला शिक्षा और मुस्लिम समुदाय में नई प्रेरणा का संचार किया है। स्थानीय निवासियों ने उनके घर पर मिठाई बांटकर और सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं देकर उनका जश्न मनाया।
शाइस्ता नाज़ क़ुरैशी की यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत संकल्प, बल्कि राजस्थान की शैक्षणिक प्रगति का भी प्रतीक है। उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ, यह कहानी हर उस युवा के लिए मिसाल है जो सपनों को हकीकत में बदलना चाहता है।