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नागौर के प्रख्यात शायर इरफ़ान नौमानी को मिलेगी ‘विद्या वाच्यस्पति’ मानद उपाधि, दिल्ली में 10 जून को सम्मान समारोह!

साहित्य-संस्कृति की सेवा को समर्पित: नागौर के इरफ़ान नौमानी को मिलेगी पीएच.डी. समकक्ष मानद उपाधि!

परिवर्तन योगेश संस्था करेगी शायर नौमानी को ‘विद्या वाच्यस्पति’ से विभूषित!

नई दिल्ली, 8 जून। राजस्थान के नागौर जिले के बासनी निवासी सुप्रसिद्ध शायर, चिंतक एवं साहित्यकार इरफ़ान नौमानी को भारतीय संस्कृति और सनातन मूल्यों के संवर्धन में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित संस्था “परिवर्तन योगेश – सनातन संस्कार संस्कृति के प्रतीक” द्वारा “विद्या वाच्यस्पति” मानद उपाधि (पीएच.डी. समकक्ष) से सम्मानित किया जाएगा। यह गरिमामय समारोह 10 जून 2025, सायं 4 बजे, नई दिल्ली में आयोजित होगा।

संस्था ने किया योगदान विशिष्ट

संस्था के उपकुलपति डॉ. योगेश त्रेहन के संयोजन में होने वाले इस कार्यक्रम में देशभर के शिक्षाविद्, साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता एवं सांस्कृतिक विभूतियाँ शिरकत करेंगी। डॉ. ए.एस. शास्त्री (अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय) द्वारा काशी हिंदी विद्यापीठ के समक्ष इरफ़ान नौमानी के नाम की अनुशंसा की गई थी, जिसमें उनके साहित्यिक कृतित्व को “सशक्त स्तंभ” बताया गया।

क्यों खास है यह सम्मान?

श्री नौमानी न केवल उर्दू शायरी में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं, बल्कि राजनीतिक-सामाजिक विमर्श और सांस्कृतिक चेतना को समृद्ध करने वाले रचनाकार के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। संस्था के अनुसार:

“उनकी साहित्य साधना, समाज सेवा और सांस्कृतिक प्रतिबद्धता इस उपाधि की योग्यता सिद्ध करती है। यह सम्मान समस्त साहित्य-संस्कृति साधकों को समर्पित है।”

इरफ़ान नौमानी की रचनाओं में मानवीय मूल्यों की गहरी छाप एवं राष्ट्रीय एकता की भावना स्पष्ट झलकती है। यह उपाधि उनकी पाँच दशकों की सृजनात्मक यात्रा को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्रदान करेगी।

 

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