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सहारनपुर नगर निगम में टैक्स समाधान दिवस: दो शिकायतों का त्वरित निस्तारण, दो मामलों में जांच के निर्देश

कर समस्याओं का समाधान पाने के लिए आएं टैक्स समाधान दिवस पर – अपर नगरायुक्त राजेश यादव

वार्ड 33 और 35 के निवासियों के टैक्स बिल में गलतियां सुधारने के साथ जांच के आदेश

सहारनपुर। नगर निगम प्रशासन ने करदाताओं की समस्याओं के निस्तारण के लिए गुरुवार को “टैक्स समाधान दिवस” का आयोजन किया। इस दौरान दो नागरिकों के टैक्स बिलों में गलत कर निर्धारण को सुधारा गया, जबकि दो अन्य मामलों में विस्तृत जांच के आदेश जारी किए गए। अपर नगरायुक्त राजेश यादव ने नागरिकों से अपील की कि वे टैक्स संबंधी विवादों के समाधान के लिए प्रत्येक गुरुवार को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में अवश्य पहुंचें।

कमिश्नर के निर्देश पर हुआ आयोजन

नगरायुक्त संजय चौहान के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर नगरायुक्त राजेश यादव ने की। उन्होंने कर संबंधी शिकायतों की सुनवाई करते हुए त्वरित निर्णय लिए। इस दौरान वार्ड 33 (रोहित विहार) के निवासी नंद किशोर शर्मा ने बताया कि उनके आवासीय भवन का बिल गलती से व्यावसायिक श्रेणी में भेजा जा रहा था। जांच के बाद इसे आवासीय श्रेणी में सुधारते हुए कर निर्धारण किया गया।

वार्ड 35 की श्रीमती वीना को मिली राहत

वार्ड 35 (मोरगंज) की श्रीमती वीना ने अपने आवास के वार्षिक मूल्यांकन को 31 हजार रुपये से घटाकर 17 हजार रुपये करने की मांग की थी। अभिलेखों की समीक्षा के बाद उनकी शिकायत को सही पाते हुए मूल्यांकन संशोधित किया गया। वहीं, वार्ड 54 (उपवन विहार) के तनवीर अहमद के मामले में शिकायत थी कि उनके भवन का वार्षिक टैक्स 6,707 रुपये अनुचित है। इस पर जांच के आदेश दिए गए।

धर्मशाला मंदिर के प्रबंधक को भी मिली सुनवाई

भवन संख्या 2ए/1008 (धर्मशाला श्रीकृष्ण मंदिर, अंबाला रोड) के प्रबंधक पियूष कुमार बंसल ने कर निर्धारण में सुधार की गुहार लगाई। उनके आवेदन पर भी अधिकारियों ने जांच शुरू करने का निर्देश दिया।

अधिकारियों ने दिखाई सक्रियता

इस सत्र में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी संगीता गुप्ता, कर निर्धारण अधिकारी श्रुति महेश्वरी, कर अधीक्षक सुधीर शर्मा, सुरेंद्र सिंह और वरिष्ठ लिपिक रामकुमार मौजूद रहे। अपर नगरायुक्त राजेश यादव ने कहा कि नागरिकों की शिकायतों को प्राथमिकता देकर निस्तारित किया जा रहा है। टैक्स संबंधी कोई भी विसंगति होने पर नागरिक इस कार्यक्रम का लाभ उठाएं।

नगर निगम का यह प्रयास करदाताओं और प्रशासन के बीच पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक सार्थक कदम माना जा रहा है।

 

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