
दा गोल्ड पब्लिक स्कूल में हवन-यज्ञ के साथ नए शैक्षणिक सत्र की हुई शुरुआत
आध्यात्मिक मूल्यों और संस्कारों को समर्पित हुआ नया सत्र, बच्चों ने ली शिक्षा में उत्कृष्टता की शपथ
प्रबंधक ने कहा: यज्ञ का उद्देश्य बच्चों को अध्यात्म और संस्कृति से जोड़ना
शामली। कांधला। दा गोल्ड पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को नए शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ हवन-पूजन और वैदिक मंत्रों की गूंज के बीच हुआ। इस अवसर पर विद्यालय परिवार ने गायत्री मंत्रों के साथ आहुति देकर छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। सत्र के पहले दिन हुए इस आयोजन में बच्चों को तिलक लगाकर उनका स्वागत किया गया और शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति प्रेरित किया गया।
प्रधानाचार्य ने दिलाई शपथ
विद्यालय के प्रधानाचार्य अजय कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में अधिक परिश्रम करके हमें अपने गाँव, माता-पिता और विद्यालय का नाम रोशन करना है। उन्होंने बच्चों को शपथ दिलाई कि वे पिछले सत्र की कमियों को दूर करते हुए शिक्षा और संस्कारों के प्रति समर्पित रहेंगे।
यज्ञ का उद्देश्य स्पष्ट किया
विद्यालय के प्रबंधक किरशनपाल सिंह ने यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति के मूल्यों से जोड़ना है, ताकि उनका चरित्र अध्यात्मिक रूप से निखरे। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों में नैतिक बल और समर्पण का संचार करते हैं।
सामूहिक प्रार्थना के साथ समापन
हवन-यज्ञ में पंडित अनिल कुमार ने वैदिक रीति से आहुतियां डालीं। इस दौरान छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने सामूहिक रूप से सभी के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। विद्यालय परिवार ने इस अवसर पर नए सत्र में छात्रों की सफलता के लिए आपसी सहयोग का संकल्प भी दोहराया।
संस्कृति और शिक्षा का संगम
इस आयोजन को विद्यालय की “संस्कृति-आधारित शिक्षा” की पहल का हिस्सा बताया गया। प्रबंधक ने जोर देकर कहा कि आधुनिक शिक्षा के साथ भारतीय मूल्यों का समन्वय बच्चों को संपूर्ण व्यक्तित्व विकास की ओर ले जाएगा। नए सत्र में विद्यालय द्वारा छात्रों के लिए नैतिक शिक्षा और योग कार्यक्रमों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।