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सहारनपुर में प्रदेश का पहला सीबीजी गैस प्लांट बनेगा, पणजी अध्ययन दल को नगरायुक्त ने दी जानकारी

शहरी विकास के मॉडल्स पर सीखने-सिखाने की पहल, पार्षद दल पणजी में करेगा कूड़ा प्रबंधन व जल संरक्षण का अध्ययन

सहारनपुर: सहारनपुर नगर निगम शहर में कूड़ा प्रबंधन के लिए प्रदेश का पहला कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) प्लांट स्थापित करने जा रहा है। यह जानकारी नगरायुक्त संजय चौहान ने पणजी अध्ययन दौरे पर जा रहे 28 सदस्यीय पार्षद दल को आज एक ब्रीफिंग के दौरान दी। उन्होंने बताया कि निगम भारत सरकार की नवरत्न कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के साथ इस परियोजना पर अंतिम चरण में काम कर रहा है। इस प्लांट से उत्पादित गैस का उपयोग घरेलू ईंधन, वाहनों और उद्योगों में किया जाएगा।

पणजी दौरे को लेकर पार्षदों की तैयारी

इससे पहले, पार्षद दल को नगरायुक्त संजय चौहान और महापौर डॉ. अजय कुमार ने शहरी विकास के मॉडल्स की समझ बढ़ाने के लिए विशेष ब्रीफिंग दी। दल पणजी नगर निगम में जल संरक्षण, कूड़ा प्रबंधन, सफाई व्यवस्था और मनोरंजन जैसे विषयों पर 3 दिवसीय अध्ययन करेगा। नगरायुक्त ने बताया कि पणजी देश में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के मामले में अग्रणी है, लेकिन सहारनपुर अब उससे आगे की तकनीक पर काम कर रहा है।

सीबीजी प्लांट: कूड़े से बनेगी ऊर्जा

नगरायुक्त चौहान ने बताया कि सीबीजी प्लांट 20 वर्षों की योजना के तहत बनाया जाएगा, जो कचरे को वैज्ञानिक तरीके से प्रोसेस करेगा। अपर नगरायुक्त मृत्युंजय ने समझाया कि इसके तहत कचरे से बायो-गैस निकालकर उसे संपीड़ित कर ईंधन में बदला जाएगा। यह तकनीक पणजी की पुरानी खाद बनाने की प्रक्रिया से कहीं अधिक प्रभावी है।

महापौर ने दिए दिशा-निर्देश

महापौर डॉ. अजय कुमार ने पार्षदों से कहा कि वे पणजी में सीखे गए अनुभवों को सहारनपुर में लागू करने की रणनीति बनाएं। उन्होंने कहा, “यह दौरा केवल अध्ययन के लिए नहीं, बल्कि सहारनपुर की प्रगति को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर है।” बीपीसीएल के साथ साझेदारी, एमआरएफ (मटीरियल रिकवरी फैसिलिटी), और एसएलएफ (सैनिटरी लैंडफिल) जैसी व्यवस्थाओं पर भी चर्चा हुई।

अहमदाबाद-सूरत के बाद पणजी का चुनाव

गौरतलब है कि इससे पहले सहारनपुर के महापौर और पार्षद अहमदाबाद व सूरत जैसे शहरों का दौरा कर चुके हैं। नगरायुक्त ने बताया कि पणजी को इसलिए चुना गया, क्योंकि यह व्यावसायिक गतिविधियों और शहरी प्रबंधन में मुंबई के बाद दूसरा बड़ा केंद्र माना जाता है। पार्षद दल के साथ निगम के महाप्रबंधक (जल) पुरुषोत्तम कुमार भी रहेंगे, जो जल निकासी और संरक्षण के मॉडल्स का अध्ययन करेंगे।

16वें वित्त आयोग में सहारनपुर की भूमिका

महापौर डॉ. अजय कुमार ने बताया कि शहरी विकास मंत्रालय की 16वें वित्त आयोग की तैयारी बैठक में भी सहारनपुर ने प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने कहा कि सीबीजी प्लांट जैसी परियोजनाएं न केवल कूड़ा प्रबंधन में क्रांति लाएंगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ाएंगी।

नागरिकों को क्या मिलेगा फायदा?

कचरे से उत्पन्न गैस से घरेलू ईंधन की लागत घटेगी।

वैज्ञानिक तरीके से कूड़ा निस्तारण से पर्यावरण प्रदूषण कम होगा।

पणजी के मॉडल्स से सीखकर शहर की जल निकासी और सफाई व्यवस्था मजबूत होगी।

नगर निगम का लक्ष्य है कि पार्षद दल पणजी से प्राप्त जानकारी को स्थानीय योजनाओं में समाहित करे। इसके साथ ही, सीबीजी प्लांट के शुरू होते ही सहारनपुर प्रदेश में शहरी प्रबंधन के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करेगा।

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