
ग्राम प्रधान पति के स्वागत पोस्टर को लेकर हुई हिंसा के मामले पर चला कोर्ट का डंडा: न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने दर्ज किया मामला, शुरू की कार्रवाई
शामली। कांधला क्षेत्र के गांव गढ़ी दौलत में सालाना जलसे के दौरान ग्राम प्रधान के पति राशिद के स्वागत पोस्टर लगाने को लेकर हुई हिंसक झड़प के बाद पुलिस ने न्यायालय के निर्देश पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। घटना को लेकर ग्रामीणों में रोष है, जबकि पीड़ित पक्ष ने पुलिस की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं।
घटना का क्रम
गत डेढ़ माह पहले गांव गढ़ी दौलत में सालाना जलसे का आयोजन हुआ था। जलसे से एक दिन पूर्व गांव निवासी मुनीर, अजीम, तनवीर, समीर, आलिम, यासीन, मसबर, जाबिर, आकिल, शोएब और सहारनपुर निवासी असलम, साजिद व तनवीर ने गांव की गलियों में ग्राम प्रधान के पति राशिद के स्वागत पोस्टर लगाए। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण इरशाद के निवास पर भी पोस्टर चिपका दिया था, जिसका इरशाद ने विरोध किया था।
पीड़ित इरशाद के अनुसार, विरोध करने पर राशिद के समर्थकों ने उन्हें धमकाया और प्रधानपति राशिद के उकसाने पर कुछ देर बाद लाठी-डंडे व धारदार हथियारों से लैस होकर उसके घर में घुस गए। आरोप है कि इरशाद और उसके भाई दिलशाद को निशाना बनाते हुए उन पर जानलेवा हमला किया गया। इससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद इरशाद ने चिकित्सीय परीक्षण कराकर थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
न्यायालय की शरण और पुलिस कार्रवाई
पीड़ित ने बताया कि प्रधानपति राशिद की सांठगांठ के चलते पुलिस की निष्क्रियता के बाद उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट के निर्देश के बाद कांधला पुलिस ने दंगा, हथियारों से लैस होकर दंगा, मारपीट, आपराधिक धमकी और गुंडागर्दी के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस का बयान
स्थानीय पुलिस ने बताया कि “मामले में न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों की पहचान कर जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पीड़ित की शिकायत पर पहले भी जांच शुरू की गई थी, लेकिन न्यायालय के आदेश के बाद प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
पुलिस ने मामले में गहन छानबीन का दावा करते हुए कहा है कि सभी आरोपियों से पूछताछ की जाएगी और सबूतों के आधार पर कड़ी कार्रवाई होगी।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
घटना ने गांव में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान और उनके परिवार का दबदबा होने के कारण पुलिस ने शुरू में मामले को दबाने की कोशिश की थी।