
गढ़ी दौलत में सजी रूहानी महफ़िल सालाना इस्लामी जलसे में उमड़ा जनसैलाब, मौलाना मदनी ने दी इंसानियत व नशामुक्त समाज का पैग़ाम
हजारों की भीड़ ने सुनी इल्मी तकरीरें मोहब्बत, सद्भाव, शिक्षा और नशे से दूरी पर दिया जोर दुआ के वक्त गूंज उठा पूरा मैदान

कांधला थाना क्षेत्र के गांव गढ़ी दौलत में इस बार का सालाना इस्लामी जलसा धार्मिक गरिमा, रूहानियत और सामाजिक जागरूकता का अद्भुत संगम बन गया। हजारों की भीड़ ने मदरसा मैदान को भर दिया, जहां देशभर से आए उलमा-ए-किराम ने मोहब्बत, भाईचारे और अमन का पैग़ाम दिया।कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौलाना महमूद मदनी (दिल्ली) और मुफ्ती मोहम्मद अफ़्फ़ान (अमरोहा) ने शिरकत की। मंच से दिए गए उनके संदेशों ने उपस्थित लोगों के दिलों को छू लिया। उन्होंने कहा “आज समाज को सबसे ज़्यादा ज़रूरत मोहब्बत, तालीम और नशामुक्त जीवन की है।जो नौजवान नशे से बचेगा, वही अपने घर, समाज और मुल्क को तरक्की की राह पर ले जाएगा।”मुफ्ती अफ़्फ़ान ने फिजूलखर्ची से बचने, बच्चों की तालीम पर विशेष ध्यान देने और नशे जैसी बुराइयों से दूर रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि नशा एक ऐसी आग है जो परिवारों, समाज और आने वाली नस्लों को तबाह कर रही है इससे बचना हर इंसान की जिम्मेदारी है।मौलाना महमूद मदनी ने सामूहिक दुआ के दौरान मोहब्बत, सद्भाव और इंसानियत का पैग़ाम दिया। पूरा मैदान इबादत और खामोशी के माहौल में डूब गया कई अकीदतमंदों की आंखें नम हो गईं।इस मौके पर जामिया बदरुल उलूम मदरसा के प्रबंधक मोहम्मद अकील, हाफिज राशिद, मौलाना वासिल कांधलावी, मौलाना तय्यब, मौलाना मंजूर समेत दर्जनों उलमा मौजूद रहे। जलसे के दौरान नात-ए-पाक की पेशकश और तकरीरों ने माहौल को रूहानी बना दिया।पूरे आयोजन को शांतिपूर्ण, सुव्यवस्थित और धार्मिक मर्यादा के अनुरूप संपन्न कराया गया, जिससे गढ़ी दौलत और आस-पास के क्षेत्रों में उत्साह, सौहार्द और नशे के खिलाफ जागरूकता का संदेश फैला।