“किसान की कोई बिरादरी नहीं होती” — सांसद इकरा हसन का प्रशासन पर तंज, कहा संसद में उठेगी किसानों की आवाज!
कैराना (शामली): भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) की अगुवाई में सोमवार को कैराना तहसील परिसर में सैकड़ों किसानों ने जोरदार धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने वन विभाग पर जमीन हड़पने का गंभीर आरोप लगाते हुए तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ तीखी नाराज़गी जताई। भाकियू पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिलता, आंदोलन जारी रहेगा।
धरने की अध्यक्षता ज़िला अध्यक्ष शांता प्रधान ने की, जबकि मंच संचालन मंडल महासचिव चौधरी गय्यूर हसन ने संभाला। प्रदर्शन स्थल पर सांसद इकरा हसन भी पहुंचीं और किसानों को अपना पूरा समर्थन दिया। उन्होंने कहा, “किसानों की लड़ाई संसद तक जाएगी। मैं स्वयं इस मामले को सदन में उठाऊंगी और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करूंगी।” उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे अपनी ज़मीन और अधिकारों के लिए एकजुट रहें और किसी दबाव में न आएं।
सांसद ने प्रशासन पर तंज कसते हुए कहा कि किसानों की ज़मीनों पर कब्ज़े की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने मांग की कि अधिकारी मौके पर आकर किसानों की बात सुनें। परंतु सांसद की मौजूदगी में कोई अधिकारी उपस्थित नहीं हुआ।
प्रदेश उपाध्यक्ष कपिल खाटीयान ने जानकारी दी कि कैराना के 9 और ऊन क्षेत्र के 21 गांवों की लगभग 4600 एकड़ भूमि को वन विभाग अपने अधीन बताकर कब्जाने की कोशिशें कर रहा है, जिसका किसान मजबूती से विरोध कर रहे हैं। वहीं, प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार ने कहा कि प्रशासनिक कार्रवाई के समय महिलाएं भी विरोध में साथ खड़ी हों। उन्होंने कहा, “लड़ाई लंबी है, लेकिन एकता से ही हम जीत पाएंगे।”
धरने में प्रदेश संगठन मंत्री मास्टर जाहिद, जिला सचिव चौधरी गुरदीप सिंह, नगर अध्यक्ष अमरपाल बालियान, युवा मंडल महासचिव मोहित शर्मा, मंडल सचिव पुष्कर सैनी, तहसील अध्यक्ष मिंटू, अब्बास प्रमुख, मंडल महासचिव वकील चौहान, कैराना अध्यक्ष इनाम उर्फ कालू, नवाब सहित भारी संख्या में किसान मौजूद रहे।
धरना प्रदर्शन के दौरान किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उनकी ज़मीनों से वन विभाग का दावा वापस नहीं लिया गया, तो आन्दोलन को और तेज किया जाएगा।
