कैराना (शामली)। तहसील परिसर में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में किसानों ने प्रशासनिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के विरोध में जमकर धरना-प्रदर्शन किया। प्रातः 11 बजे से लेकर अपराह्न साढ़े तीन बजे तक जारी इस धरने में किसान नेताओं ने तहसील प्रशासन पर किसानों की उपेक्षा करने और शोषण करने के गंभीर आरोप लगाए।

धरना स्थल पर काफी देर तक प्रशासनिक अधिकारी अनुपस्थित रहे, जिससे किसानों का रोष बढ़ गया। जब एसडीएम निधि भारद्वाज दोपहर में देरी से पहुंचीं तो किसान यूनियन के पदाधिकारी नाराज़ हो गए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसानों की समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो वे तहसील के कार्यालयों के बाहर चेन डालकर ताले लगाकर कार्य ठप कर देंगे।
स्थिति को संभालने के लिए कोतवाली प्रभारी समयपाल अत्री मौके पर पहुंचे और किसानों एवं एसडीएम के बीच वार्ता कराई। किसानों ने स्पष्ट कहा कि प्रशासनिक हठधर्मिता का जवाब भारतीय किसान यूनियन देना जानती है। उन्होंने मांग की कि तहसील में तैनात लेखपाल किसानों का उत्पीड़न बंद करें, भूमि की पैमाइश में गड़बड़ी न की जाए और चक मार्गों को कब्ज़ामुक्त कराया जाए।
किसान प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से ब्लेहड़ा और पठेड़ गांव की खतौनी पर लगी रोक को हटाने की मांग रखी। एसडीएम निधि भारद्वाज ने सभी मांगों को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि दोनों गांवों की खतौनी शीघ्र जारी कर दी जाएगी तथा किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
एसडीएम के संतोषजनक जवाब के बाद धरना समाप्त कर दिया गया। इस दौरान तहसील परिसर और आसपास के क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात रहा तथा एलआईयू भी हालात पर कड़ी नजर रखे रही।
