आयुर्वेद चिकित्सा

 

नई दिल्ली, 18 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 दिसंबर, 2025 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा आयोजित पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरे वैश्विक शिखर सम्मेलन (2nd WHO Global Summit on Traditional Medicine) के समापन समारोह को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम नई दिल्ली के भारत मंडपम, प्रगति मैदान परिसर में शाम 4:30 बजे शुरू होगा।

यह वैश्विक शिखर सम्मेलन दुनिया भर के विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाने वाला महत्वपूर्ण आयोजन है, जिसमें पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण, अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर चर्चा की गई है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा समापन सत्र को संबोधित करना इस दिशा में भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और नेतृत्व को दर्शाता है। प्रधानमंत्री का भाषण इस बात पर केंद्रित रहेगा कि कैसे भारत ने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग, वैज्ञानिक अनुसंधान, और जन स्वास्थ्य के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए कई pioneering (अग्रणी) पहलें की हैं।

भारत में हाल के वर्षों में आयुष मंत्रालय के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा — जैसे आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, और होम्योपैथी — को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के कई प्रयास हुए हैं। इस सम्मेलन में भी यह साझा किया गया कि भारत कैसे इन पारंपरिक प्रणाली को आधुनिक वैद्यकीय ढांचे में एकीकृत करने के लिए कार्य कर रहा है।

कार्यक्रम में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि, डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ अधिकारी और पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे।

 

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