भू-माफ़ियाओं का तालाब की ज़मीन पर कब्जा
10.30 बीघा पर अवैध प्लॉटिंग, वादी डॉक्टर जुनेद अख़्तर की जंग से मचा हड़कंप
(सादिक सिद्दीकी
कांधला प्रदेश की योगी सरकार जहाँ तालाबों व सार्वजनिक ज़मीन की रक्षा और भू-माफ़ियाओं पर नकेल कसने के लिए अभियान चला रही है, वहीं कांधला कस्बे में भू-माफ़िया खुलेआम तालाब की ज़मीन पर कब्ज़ा कर करोड़ों का खेल खेल रहे हैं। मोहल्ला मौलानान स्थित चर्चित तालाब भूमि (खसरा संख्या 26.26..2.3.4) — जो सरकारी रिकॉर्ड में तालाब के नाम दर्ज है — पर इस समय लगभग 10.30 बीघा ज़मीन पर अवैध प्लॉटिंग चल रही है। ज़मीन के टुकड़े-टुकड़े काटकर फर्जी कागज़ों के सहारे मोटा मुनाफ़ा कमाया जा रहा है।इस बड़े घोटाले को उजागर करने वाले वादी डॉक्टर जुनेद अख़्तर पिछले कई महीनों से प्रशासनिक अधिकारियों और नगर पालिका के दफ़्तरों के चक्कर काट रहे हैं। उनकी लगातार शिकायतों पर कांधला नगरपालिका की टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण और जांच-पड़ताल भी की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोग और समाजसेवी संगठनों ने भी इस अवैध कब्ज़े पर तीखा विरोध जताया है। उनका कहना है कि सार्वजनिक और पर्यावरणीय हित में सुरक्षित घोषित तालाब की ज़मीन पर हो रहे इस खुलेआम कब्ज़े को तुरंत हटाया जाए और भू-माफ़ियाओं पर सख़्त कानूनी कार्रवाई हो।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार कह चुके हैं कि “उत्तर प्रदेश को भू-माफ़ियाओं से मुक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है। किसी को भी सरकारी और सार्वजनिक भूमि पर कब्ज़ा करने नहीं दिया जाएगा।” स्थानीय लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री के इस सख़्त रुख के बाद कांधला के इस प्रकरण में भी शीघ्र कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।नगर पालिका की टीम की रिपोर्ट पर अब सबकी निगाहें जिला प्रशासन और उच्चाधिकारियों की कार्रवाई पर टिकी हैं। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि यह मामला “भू-माफ़िया मुक्त यूपी” अभियान का बड़ा उदाहरण बनेगा और तालाब की ज़मीन को जल्द ही उसके मूल स्वरूप में बहाल किया जाएगा।