
कैराना। नगरपालिका परिषद कैराना में तैनात निलंबित लिपिक विपुल पंवार पर गबन और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों ने हड़कंप मचा दिया है। अधिशासी अधिकारी समीर कश्यप ने आरोपी लिपिक के खिलाफ कोतवाली कैराना पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। इसके बाद लिपिक पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
जानकारी के अनुसार, विगत 15 सितंबर को पूर्व सफाई नायक सुभाषचंद और उनकी पत्नी कमलेश, जो नगरपालिका में सफाईकर्मी के रूप में कार्यरत हैं, ने अधिशासी अधिकारी को एक प्रार्थना-पत्र देकर शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया कि अधिष्ठान लिपिक (वेतन, पेंशन और पीएफ) विपुल पंवार ने उनकी भविष्य निधि (पीएफ) की राशि जानबूझकर धोखाधड़ी से अपने खाते में ट्रांसफर कर ली है।
प्रथम दृष्टया जांच में आरोप सही पाए गए। जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ कि विपुल पंवार ने न केवल पीएफ धनराशि अपने खाते में भेजी, बल्कि सोनिया देवी और मीना देवी नाम की महिलाओं के फर्जी पीएफ खाते भी खुलवाए। जबकि ये दोनों महिलाएं नगरपालिका की कर्मचारी भी नहीं हैं। इन खातों में भी कर्मचारियों की जमा हुई पीएफ कटौती की राशि ट्रांसफर की गई।
अधिकारियों के अनुसार, आरोपी लिपिक लगातार कूटरचित दस्तावेज तैयार कर अपनी धोखाधड़ी छिपाता रहा। मैनुअल सूची और बैंक में प्रेषित ई-मेल सूची में भी स्पष्ट अंतर पाया गया। इससे यह प्रमाणित होता है कि लिपिक ने जानबूझकर कर्मचारियों की भविष्य निधि की राशि हड़पने का प्रयास किया।पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस)-2023 की धारा 316(5), 318(4), 338, 336(3) व 340(2) के तहत अभियोग पंजीकृत कर लिया है। पुलिस अब आरोपी लिपिक के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई कर रही है तथा उसकी गिरफ्तारी की पूरी संभावना जताई जा रही है।
गौरतलब है कि कर्मचारियों की पीएफ घोटाले में संलिप्त पाए जाने पर विपुल पंवार को पूर्व में ही पालिकाध्यक्ष शमशाद अहमद अंसारी ने निलंबित करते हुए कर संग्रह विभाग में सम्बद्ध कर दिया था। लेकिन अब दर्ज हुई एफआईआर के चलते मामला और गंभीर हो गया है तथा आरोपी लिपिक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।