कांधला की मेहमाननवाज़ी से विदेशी सैलानी हुए मंत्रमुग्ध
गन्ने के खेतों में उठाया लुत्फ, समोसे खाकर कहा – “ये अनुभव जिंदगी भर याद रहेगा”
सादिक सिद्दीक़ी
कांधला। कस्बा कांधला ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उसकी मिट्टी सिर्फ अपनापन ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और मेहमाननवाज़ी की असली झलक भी समेटे हुए है। शनिवार को जब रूस से आए विदेशी सैलानियों का दल यहां पहुँचा, तो पूरे कस्बे का माहौल उत्सव जैसा हो गया। कस्बे के लोगों की सादगी, प्रेम और मेहमाननवाज़ी से प्रभावित होकर मेहमानों ने खुले दिल से कांधला की तारीफ़ की।टीचर कॉलोनी निवासी मोहित कुमार पुत्र राकेश कुमार के घर पहुँचे विदेशी मेहमानों – रेनाटा, जडेनेक, मिलान, कैटरीना, हेलेना, मागांडा, रोमन और जार्का – का कस्बेवासियों ने दिल खोलकर स्वागत किया। यह सभी 3 सितम्बर से भारत भ्रमण पर निकले हुए हैं। लेह-लद्दाख और ऋषिकेश घूमने के बाद वे कांधला पहुँचे, जहाँ की मिट्टी की खुशबू और लोगों का अपनापन उन्हें गहराई तक छू गया।जैसे ही सैलानियों ने गन्ना खाने की इच्छा जताई, मोहित कुमार उन्हें लेकर सीधे हरे-भरे खेतों में पहुँचे। रसदार गन्ने का स्वाद लेते ही उनके चेहरे खिल उठे। खेतों में हंसी-ठहाकों और मस्ती का माहौल ऐसा बना कि मानो कोई उत्सव हो रहा हो। सैलानियों ने कहा – “गन्ने के खेत का यह अनुभव हमारी जिंदगी का सबसे रोमांचक पल है।”
*समोसों ने जीत लिया दिल*
खेतों से निकलने के बाद विदेशी मेहमान पहुँचे कस्बे की पहचान ‘ठाकुर समोसे वाले’ की दुकान पर। यहाँ गरमा-गरम, चटपटे समोसों का स्वाद चखते हुए उन्होंने जमकर फोटो खिंचवाई और कहा – “दुनिया में कहीं ऐसा स्वाद नहीं मिला।सिर्फ खेत और समोसे ही नहीं, बल्कि मेहमानों ने कस्बे की आध्यात्मिक पहचान को भी नजदीक से महसूस किया। उन्होंने श्री शीतला माता मंदिर, श्री सूरजकुंड मंदिर, श्री मनकामेश्वर महादेव और श्री दुर्गा मंदिर में दर्शन किए। वहां की आस्था और श्रद्धा देखकर वे भावुक हो उठे।
*गंगा घाट पर बिताए सुकून भरे पल*
विदेशी दल का काफिला बाद में गंगा आरती घाट पहुँचा, जहाँ उन्होंने कुछ समय भक्ति और शांति के वातावरण में बिताया। घाट की भव्यता ने उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया।
*16 सितम्बर को होंगे अपने देश रवाना*
विदेशी मेहमान कांधला से रवाना होकर आगरा की ओर निकल गए, जहाँ वे ताजमहल का दीदार करेंगे। इसके बाद 16 सितम्बर को वे अपने देश रूस लौट जाएंगे। मोहित कुमार ने बताया कि उनके विदेशी दोस्तों को कांधला का माहौल बेहद अच्छा लगा। उन्होंने कहा “गन्ने के खेत और कांधला की मेहमाननवाज़ी हमें जिंदगी भर याद रहेगी।”