कुड़ा-कचरा बीनकर सुलोचन का नशा कर रहे युवा

रिपोर्ट सादिक सिद्दीक़ी

कांधला (शामली)। कस्बा कांधला नशे की गिरफ्त में दिन-ब-दिन जकड़ता जा रहा है। हालात यह हो गए हैं कि अब गरीब घरों के मासूम बच्चे भी नशे के शिकार बन चुके हैं। ताज़ा मामला सामने आया है कि कई बच्चे कुड़ा-कचरा बीनकर मिले पैसों से सुलोचन (ट्यूब चिपकाने वाला सोल्यूशन) खरीदकर उसका नशा कर रहे हैं।साइकिल और मोटरसाइकिल की पंचर मरम्मत में काम आने वाला यह सोल्यूशन आज बच्चों और युवाओं का खतरनाक नशा बन चुका है। दुकानों पर मात्र 20 रुपये की ट्यूब आसानी से उपलब्ध है। बच्चे कबाड़ बेचकर या चोरी-चकारी से पैसे जुटाते हैं और इसे खरीदकर रुमाल में लगाकर सूंघते हैं। धीरे-धीरे यह आदत लत में बदल जाती है और बचपन बर्बादी की राह पर चल पड़ता है।कस्बे के लोगों का कहना है कि “आज खेल-कूदने और पढ़ाई करने वाली उम्र के बच्चे सड़क किनारे कबाड़ बीनते और नशे में लिपटे दिखते हैं। यह समाज और परिवार दोनों के लिए बेहद शर्मनाक और खतरनाक तस्वीर है।”

गांजा, सुल्फा और स्मैक जैसे जहरीले नशे का धंधा भी कांधला में तेजी से पैर पसार रहा है। इसने युवाओं को अपराध और बर्बादी की ओर धकेल दिया है। कई परिवार अपने बच्चों को इस दलदल से निकालने के लिए बेहाल हैं। सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि कस्बे में चल रहे इस नशे के कारोबार पर तत्काल रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। कुड़ा-कचरा बीनकर नशे में डूब रहे मासूमों की यह हकीकत समाज और प्रशासन दोनों के लिए चेतावनी है।

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