एलम के शंकर शर्मा ने लहराया साहस का परचम, एवरेस्ट बेस कैंप और काला पत्थर पर फहराया हौसले का झंडा

 

कांधला क्षेत्र के कस्बा एलम । क्षेत्र के लिए गौरव और प्रेरणा का क्षण तब आया, जब एलम निवासी शंकर शर्मा, पुत्र विनोद शर्मा, ने अपने अदम्य साहस और अटूट हौसले के दम पर मई 2025 में हिमालय की बर्फीली चोटियों — एवरेस्ट बेस कैंप (ऊंचाई 5,364 मीटर) और काला पत्थर (ऊंचाई 5,644 मीटर) — को सफलतापूर्वक फतह कर लिया। यह उपलब्धि न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे शामली जनपद के लिए गर्व की बात है।

शंकर शर्मा ने बताया कि यह अभियान आसान नहीं था। एवरेस्ट बेस कैंप की ओर बढ़ते हुए उन्हें शून्य से कई डिग्री नीचे तापमान, तेज बर्फीली हवाओं, पतली ऑक्सीजन वाली हवा और खतरनाक ग्लेशियर मार्ग जैसी कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। कई बार रास्ता इतना दुर्गम था कि एक-एक कदम बढ़ाना भी चुनौती बन जाता था, लेकिन अडिग हौसले और मानसिक मजबूती ने उन्हें आगे बढ़ने की शक्ति दी।उन्होंने बताया कि काला पत्थर की चोटी पर पहुंचने का अनुभव जीवनभर याद रहेगा। वहां से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट का अद्भुत और नज़दीकी दृश्य दिखाई देता है, जिसने उनकी सारी थकान मिटा दी। शंकर शर्मा की इस उपलब्धि पर पूरे गांव और क्षेत्र में खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों ने उनके लौटने पर भव्य स्वागत करने की तैयारी शुरू कर दी है। बुजुर्गों का कहना है कि शंकर ने साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी ऊंचाई छूना नामुमकिन नहीं है।

शंकर शर्मा का कहना है कि यह तो बस शुरुआत है। आने वाले वर्षों में वे और भी कठिन और ऊंचे शिखरों को फतह करने की तैयारी करेंगे, ताकि भारत का तिरंगा दुनिया की सबसे ऊंची चोटियों पर लहरता रहे।

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