शामली, 19 जुलाई 2025: कैराना लोकसभा क्षेत्र की सांसद इकरा हसन के साथ सहारनपुर के अपर जिलाधिकारी (एडीएम) संतोष बहादुर सिंह द्वारा कथित अभद्र व्यवहार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भारतीय अल्पसंख्यक राजनैतिक चेतना मंच के राष्ट्रीय महासचिव शकैब जे. अख्तर ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है और एडीएम के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
शकैब जे. अख्तर ने कहा, “कैराना सांसद इकरा हसन के साथ एडीएम द्वारा किया गया व्यवहार न केवल एक जनप्रतिनिधि का अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र और महिला सम्मान के खिलाफ भी है। यह घटना योगी सरकार में नौकरशाही की बेलगाम कार्यशैली को दर्शाती है। हम मांग करते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।”
जानकारी के अनुसार, सांसद इकरा हसन छुटमलपुर नगर पंचायत की अध्यक्ष शमा परवीन के साथ क्षेत्र की समस्याओं को लेकर एडीएम कार्यालय पहुंची थीं। आरोप है कि एडीएम संतोष बहादुर सिंह ने न केवल सांसद और नगर पंचायत अध्यक्ष के साथ अभद्र व्यवहार किया, बल्कि उन्हे कार्यालय से बाहर जाने के लिए कहा। इस घटना के बाद सांसद ने मंडलायुक्त अटल कुमार राय और शासन को शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए हैं।
शकैब जे. अख्तर ने आगे कहा, “यह घटना न केवल सांसद के विशेषाधिकारों का हनन है, बल्कि यह समाज के अल्पसंख्यक और महिला वर्ग के प्रति संवेदनहीनता को भी उजागर करती है। हम इस मामले को लेकर सड़क से लेकर जनता के घर घर तक आवाज पहुंचाएंगे और तब तक संघर्ष जारी रखेंगे, जब तक दोषी अधिकारी को सजा नहीं मिलती।”
भारतीय अल्पसंख्यक राजनैतिक चेतना मंच ने इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। मंच ने मांग की है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले और जनप्रतिनिधियों के सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए।
सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना के खिलाफ मंडलायुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, “जो अधिकारी सांसद का सम्मान नहीं करता, वह जनता का सम्मान क्या करेगा?”
इस मामले में एडीएम संतोष बहादुर सिंह ने आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि उन्होंने कोई अभद्रता नहीं की। हालांकि, मंडलायुक्त के आदेश पर जिलाधिकारी मनीष बंसल ने जांच शुरू कर दी है, और जल्द ही इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।
भारतीय अल्पसंख्यक राजनैतिक चेतना मंच ने इस घटना को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए सभी सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से इस मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की है।