शिकायती पत्र

 

प्रधानमंत्री वंदन सौंदर्यीकरण योजना में बाधा: एलम निवासियों ने मुख्यमंत्री को लिखा शिकायत पत्र!

प्राचीन शिव मंदिर पर कब्जे की कोशिश, ब्राह्मण समाज ने धमकी दी—’अन्याय होने पर करेंगे पलायन’!

फर्जी संस्था बनाकर मंदिर पर दावा, प्रधानमंत्री वंदन सौंदर्यीकरण योजना में बाधा!

एलम (शामली): प्रधानमंत्री वंदन सौंदर्यीकरण योजना के तहत चयनित एलम के प्राचीन शिव मंदिर में हो रहे विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न करने के आरोप में स्थानीय निवासियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायत पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। शिकायतकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो ब्राह्मण समाज के लोग एलम छोड़कर जाने को मजबूर होंगे।

मंदिर पर कब्जे की कोशिश का आरोप!

शिकायतकर्ताओं—मुकेश शर्मा, विनोद चौधरी, राकेश शर्मा, जगेंद्र शर्मा, बृजेश कुमार और प्रवेश शर्मा आदि—ने बताया कि एलम के शास्त्री नगर स्थित प्राचीन शिव मंदिर का रखरखाव सैकड़ों वर्षों से उनके पूर्वज करते आए हैं। वर्ष 1997 में इस मंदिर का पंजीकरण भी कराया जा चुका है। हालांकि, अब राजेंद्र (पुत्र हरख्याल) नामक व्यक्ति ने मंदिर प्रांगण में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा को आधार बनाकर एक फर्जी संस्था “हनुमान मंदिर” के नाम से पंजीकरण करा लिया है।

विकास कार्यों में अड़चन और धमकी!

आरोप है कि राजेंद्र अपने साथियों के साथ मिलकर मंदिर में चल रहे सौंदर्यीकरण कार्यों में बाधा डाल रहा है। साथ ही, वह मंदिर के मुख्य द्वार को बंद करके दूसरी ओर से नया रास्ता बनाने का प्रयास कर रहा है, जिससे मंदिर पर उसका नियंत्रण स्थापित हो सके। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि जब भी कोई इसका विरोध करता है, तो राजेंद्र हिंसक और दबंगई भरा रवैया अपनाता है।

ब्राह्मण समाज ने दी पलायन की चेतावनी!

स्थानीय ब्राह्मण समाज के लोगों ने कहा कि यदि प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की और मंदिर के मूल स्वरूप को बचाने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया, तो वे एलम छोड़ने को मजबूर होंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव, सहारनपुर आयुक्त और शामली के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

मामला बना चर्चा का विषय!

यह मामला पूरे एलम में गर्माया हुआ है, और स्थानीय लोग प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि यदि जल्द ही न्याय नहीं मिला, तो वे बड़े आंदोलन की राह पर चलने को तैयार हैं।

यह खबर स्थानीय सूत्रों और शिकायतकर्ताओं के बयानों पर आधारित है। प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

 

 

 

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