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न्यूयॉर्क में ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिकी भूमिका के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन!

“न्यूयॉर्क पुस्तकालय पर ‘नो वॉर ऑन ईरान’ का गूँजता नारा, अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ जनाक्रोश”

“ईरान में मारे गए 600 से अधिक नागरिकों के बीच न्यूयॉर्क में भड़का विरोध, ट्रम्प की सैन्य कार्रवाई पर अनिश्चितता ने बढ़ाई चिंता”

न्यूयॉर्क। 18 जून 2025 की भीषण गर्मी में, न्यूयॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी के सामने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने इजरायल-ईरान संघर्ष में अमेरिकी हस्तक्षेप के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज किया। “हैंड्स ऑफ ईरान” और “एंड जेनोसाइड” जैसे नारों वाले पोस्टर लिए प्रदर्शनकारियों ने ब्रायंट पार्क को प्रदर्शन स्थल में बदल दिया। इस आपातकालीन विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कई वकालत समूहों के गठबंधन ने किया, जिसमें मुख्य संदेश था: “ईरान के खिलाफ कोई युद्ध नहीं” ।

प्रदर्शन में शामिल एक ईरानी-अमेरिकी फिल्म निर्माता अहमद शिराजी ने कहा कि “अमेरिका 1980 में ईरान पर हमला करने में विफल रहा था। आज भी वह ऐसा नहीं कर सकता। ईरान दुनिया के सबसे पुराने देशों में से एक है” । कई प्रदर्शनकारियों के हाथों में फिलिस्तीनी झंडे भी दिखे, जिससे इस विरोध का गाजा संघर्ष से जुड़ाव स्पष्ट हुआ।

प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें एवं चिंताएँ

अमेरिकी सैन्य सहायता पर रोक: प्रदर्शनकारियों ने इजरायल को अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति बंद करने की मांग की। आयोजकों ने इसे “क्षेत्र की संप्रभुता को कमजोर करने वाला घिनौना प्रयास” बताया।

नागरिक हताहतों की भयावहता: प्रदर्शन में शामिल फिलिप ने बताया कि उनके ईरान में रह रहे परिजन “हर रात डरकर सोते हैं” क्योंकि इजरायली हमले अस्पतालों, जल संरचनाओं और आवासीय इमारतों को निशाना बना रहे हैं।

वित्तीय संसाधनों का गलत इस्तेमाल: “मनी फॉर पीपल्स नीड्स, नॉट वॉर विद ईरान” जैसे पोस्टरों के जरिए प्रदर्शनकारियों ने युद्ध पर खर्च को सामाजिक जरूरतों की ओर मोड़ने की मांग की।

राजनीतिक पृष्ठभूमि एवं ट्रम्प प्रशासन की प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को लेकर असमंजस की स्थिति बनाए रखी है। उनका हालिया बयान — “मैं यह कर सकता हूँ, या नहीं भी कर सकता… कोई नहीं जानता कि मैं क्या करने वाला हूँ” — ने अमेरिकी भागीदारी को लेकर आशंकाएँ बढ़ा दी हैं। इसी बीच अमेरिका ने दो विमानवाहक पोत ईरान के नजदीकी क्षेत्र में तैनात किए हैं, जिसे रक्षा सचिव पीट हेग्सेथ ने “सुरक्षात्मक तैयारी” बताया है।

सेना एलिजाबेथ वॉरेन (डेमोक्रैट) ने चेतावनी दी: “हमें ईरान में संघर्ष को बढ़ाने की जरूरत नहीं है। इससे मध्य पूर्व में किसी की सुरक्षा नहीं बढ़ेगी, और न ही अमेरिका सुरक्षित होगा”।

राष्ट्रव्यापी प्रभाव एवं भविष्य की आशंकाएँ

मिल्वौकी और सैन जोस जैसे शहरों में भी ऐसे प्रदर्शन हुए, जहाँ प्रदर्शनकारियों ने “हम वर्ल्ड वॉर III की ओर खिंचे जा रहे हैं” की आशंका जताई। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने ट्रम्प के “बिना शर्त आत्मसमर्पण” वाले बयान का जवाब देते हुए चेतावनी दी कि अमेरिकी हस्तक्षेप “अपूरणीय क्षति” का कारण बनेगा।

इस विरोध का राजनीतिक असर ट्रम्प के “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” (MAGA) समर्थकों तक पहुँचा है, जहाँ टकर कार्लसन और स्टीव बैनन जैसे प्रमुख रूढ़िवादी टिप्पणीकारों ने ईरान युद्ध की आलोचना की है। इस प्रकार यह मुद्दा द्विदलीय आक्रोश पैदा कर रहा है।

युद्ध बनाम कूटनीति का द्वंद्व

न्यूयॉर्क का यह विरोध प्रदर्शन अमेरिकी विदेश नीति पर जनता के बढ़ते दबाव को दर्शाता है। जहाँ एक ओर इजरायल ईरान के परमाणु खतरे को वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बता रहा है, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि हमले से पहले ईरान के पास कोई परमाणु बम नहीं था।

 

 

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