
हर घर तक पहुंचेगा संस्कार का संदेश: सरस्वती विद्या मंदिर में कुटुंब प्रबोधन की जिला बैठक!
आरएसएस के शताब्दी वर्ष में लक्ष्य: हिंदू परिवारों को सशक्त बनाने की मुहिम!
कैराना, 09जून। नगर के सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज में सोमवार को कुटुंब प्रबोधन गतिविधि की जिला स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में सभी नगर खंडों के संयोजकों और प्रमुख कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिसमें परिवारों को संस्कारित एवं सशक्त बनाने की रणनीति तैयार की गई। बैठक की अध्यक्षता सह प्रांत संयोजक बालकृष्ण ने की, जिन्होंने शताब्दी वर्ष के अवसर पर “हर घर तक संपर्क” के लक्ष्य को रेखांकित किया।
प्रशिक्षण और लक्ष्य:
बालकृष्ण ने बताया कि कुटुंब प्रबोधन के तहत कार्यकर्ताओं को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे परिवारों को भारतीय संस्कृति के मूलभूत सिद्धांतों—जैसे सामूहिक भोजन, भजन, भ्रमण और पारिवारिक संवाद—से जोड़ सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस अभियान का उद्देश्य “परिवारों को टूटने से बचाना” है, जिसे वर्तमान सामाजिक षड्यंत्रों के विरुद्ध एक कारगर हथियार बताया गया।
कार्ययोजना:
- छोटी गोष्ठियों का आयोजन: सभी नगर खंडों में पारिवारिक चर्चा सत्रों की शुरुआत की जाएगी, जहाँ “कुटुम्ब मित्र” (10 परिवारों के मार्गदर्शक) की भूमिका तैयार की जाएगी।
- साप्ताहिक संस्कार अभियान: परिवारों को सप्ताह में कम से कम एक बार साथ बैठकर भोजन करने, धार्मिक चर्चाएँ करने और मोबाइल/टीवी से दूरी बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
- संघ के शताब्दी वर्ष का लक्ष्य: 2025-26 तक सभी हिंदू परिवारों को “स्व का बोध” (आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक चेतना) से जोड़ना।
विशेषज्ञों के विचार:
बालकृष्ण ने रेखांकित किया कि परिवार समाज की सबसे छोटी और मजबूत इकाई है, जिसके बिना राष्ट्र का विकास असंभव है। उन्होंने कहा, “पश्चिमी भौतिकता की दौड़ में हमारे परिवार बिखर रहे हैं, जबकि भारतीय पारिवारिक व्यवस्था विश्व को अनोखी देन है”। इस संदर्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के उस बयान का भी उल्लेख किया गया, जिसमें उन्होंने परिवारों को “देशार्चण, सद्भाव, ऋणमोचन और अनुशासन” का मंत्र दिया था।
बैठक के अंत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह जिला संघचालक आलोक ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि इस अभियान से न केवल परिवारों में विश्वास मजबूत होगा, बल्कि युवा पीढ़ी राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकेगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से “10 परिवारों को जोड़ने” का आह्वान किया 4। इस अवसर पर प्रातः संयोजक विनय कुमार, विभाग संयोजक देवदत्त, सह विभाग संयोजक मांगेराम सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
कुटुंब प्रबोधन आरएसएस के पंच परिवर्तन अभियान का प्रमुख आयाम है, जिसे 2023 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य संयुक्त परिवार प्रणाली को पुनर्जीवित करना, पारिवारिक संबंधों में मजबूती लाना और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को बचाना है। संघ के आंकड़ों के अनुसार, कोविड के बाद से इसके कार्यों में 10% वृद्धि हुई है, जिसे शताब्दी वर्ष में और विस्तार दिया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- परिवारों को साप्ताहिक गतिविधियों से जोड़ने पर जोर।
- “कुटुम्ब मित्र” बनाकर समाज में नेटवर्क तैयार करना।
- शताब्दी वर्ष (2025-26) तक सभी घरों तक पहुँच का लक्ष्य।
इस अभियान के तहत कैराना जिले के सभी नगर खंडों में अगले एक माह में 50 पारिवारिक गोष्ठियाँ आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।