
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने अमेरिका के वीटो पर जताया निराशा, गाजा संघर्ष विराम प्रस्ताव फिर विफल!
दो-राज्य समाधान ही एकमात्र रास्ता,” गुटेरेस ने कहा, गाजा में मानवीय संकट पर चिंता जताई!
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरुवार को अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के एक प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल करने पर गहरी निराशा जाहिर की। यह प्रस्ताव गाजा पट्टी में “तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्धविराम” की मांग करता था और मानवीय सहायता पर प्रतिबंध हटाने का आह्वान करता था। यह इस्राइल के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका का पांचवां वीटो है।
गुटेरेस ने कहा कि “हम हमेशा निराश होते हैं जब युद्धविराम लागू नहीं होता, बंधकों की रिहाई नहीं होती और मानवीय सहायता वितरित नहीं की जाती या ऐसे तरीके से वितरित की जाती है जिससे फिलिस्तीनियों की जान जोखिम में पड़ जाती है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र का काम तभी प्रभावी होगा जब गाजा में स्थायी युद्धविराम होगा, सभी बंधकों को बिना शर्त रिहा किया जाएगा और मानवीय सहायता को बिना रोकटोक पहुंचाया जाएगा।
अमेरिका का रुख और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी प्रतिनिधि डोरोथी शीया ने प्रस्ताव को “अस्वीकार्य” बताते हुए कहा कि यह हमास की निंदा नहीं करता और न ही उसे निरस्त्र होने का आदेश देता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रस्ताव हमास को मजबूत करेगा और अमेरिका की कूटनीतिक कोशिशों को कमजोर करेगा।
वहीं, ब्रिटेन ने इस्राइल की सैन्य कार्रवाइयों को “अनुचित और असंतुलित” बताया, जबकि हमास ने अमेरिका के वीटो को “इस्राइल के प्रति पक्षपात” करार दिया।
गाजा में मानवीय संकट गहराया!
गाजा में युद्ध के कारण स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और भुखमरी का खतरा मंडरा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि इस्राइल द्वारा सहायता वितरण में बाधाएं डालने से हालात और बिगड़ रहे हैं।
दो-राज्य समाधान पर ज़ोर!
गुटेरेस ने फिलिस्तीन और इस्राइल के बीच दो-राज्य समाधान को ही एकमात्र विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि “अगर दो-राज्य समाधान पर संदेह है, तो क्या विकल्प है? क्या एक ऐसा राज्य जहां फिलिस्तीनियों को बेदखल कर दिया जाए या उन्हें बिना अधिकारों के रहने के लिए मजबूर किया जाए? यह पूरी तरह अस्वीकार्य होगा।